Move to Jagran APP

बदरीनाथ धाम के भी कपाट बंद

शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के भी कपाट बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर धाम में करीब छह हजार श्रद्धालु उपस्थित थे। गौरतलब है कि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट अक्टूबर में बंद किए जा चुके हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 03:29 PM (IST)
बदरीनाथ धाम के भी कपाट बंद

बदरीनाथ। शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के भी कपाट बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर धाम में करीब छह हजार श्रद्धालु उपस्थित थे। गौरतलब है कि गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट अक्टूबर में बंद किए जा चुके हैं।

loksabha election banner

गुरुवार को दोपहर बाद करीब 1.30 बजे भगवान को भोग लगाने के साथ ही कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई। दोपहर दो बजे इस वर्ष की अंतिम पूजाएं आरंभ की गईं और अंत में भगवान नारायण का शंृगार उतारकर शयन आरती की गई। माणा गांव की कन्याओं द्वारा तैयार ऊन की चोली पर 15 किलो घी लेपन कर भगवान बदरी विशाल पर पहनाया गया। शीतकाल में यही एकमात्र वस्त्र भगवान पर रहेगा।

बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी कुबेर को गर्भगृह से प्रार्थना मंडल में लाए और पांडुकेश्वर के बारीदारों को पूजा के लिए सौंपा। इस दौरान रावल सखी वेष में लक्ष्मी मंदिर से मां लक्ष्मी को भगवान के गर्भगृह में ले गए। यहां भगवान नारायण के साथ मां लक्ष्मी को यथास्थान विराजित करने के बाद ठीक 3:35 बजे कपाट बंद किए गए। माना जाता है कि अब शीतकाल में छह माह तक देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में देवर्षि नारद भगवान नारायण व मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करेंगे। कपाट बंद करने के दौरन गढ़वाल स्काउट की बैंड धुन के साथ देश के कोने कोने से आए श्रद्धालु, साधु- संतों ने सिंहद्वार के सामने भजन कीर्तन करते रहे। ऋषिकेश के श्रद्धालुओं ने पूरे मंदिर व पंचशिला क्षेत्र को गेंदे व अन्य फूलों से सजाया गया था। स्वयं सेवी संस्थाओं व गढ़वाल स्काउट ने भंडारे का आयोजन किया। इस अवसर पर जिला जज यूएस नबियाल, मंदिर समिति की उपाध्यक्ष मधु भट्ट, मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद कपरवाण, नगर पंचायत अध्यक्ष धनेश्वर डांडी, बलदेव मेहता, राजेंद्र भंडारी, चंद्र सिंह पंवार आदि शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.