पांच वर्षों में सबसे कम श्रद्धालु पहुंचे बाबा के द्वार
खट्टे मीठे अनुभवों के साथ बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा संपन्न हो गई। इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले पांच वर्षो में सबसे कम रही है। इसके पीछे मौसम की मार, आतंकवाद का साये और पिछले वर्ष सितंबर माह में आई विनाशकारी बाढ़ को प्रमुख कारणों के रूप में देखा
जागरण ब्यूरो, जम्मू। खट्टे मीठे अनुभवों के साथ बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा संपन्न हो गई। इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले पांच वर्षो में सबसे कम रही है। इसके पीछे मौसम की मार, आतंकवाद का साये और पिछले वर्ष सितंबर माह में आई विनाशकारी बाढ़ को प्रमुख कारणों के रूप में देखा जा रहा है। यात्रा 59 दिनों तक चलने के बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में कमी का सिलसिला शुरू हुआ।
बालटाल, पहलगाम और गादंरबल में बादल फटने की घटनाएं हुई। पंजाब के दीनानगर और ऊधमपुर में आतंकवादी हमले हुए। कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे फहराने और पाकिस्तानी नारेबाजी की घटनाओं में वृद्धि हुई। ये सब ऐसी घटनाएं थीं, जिसे देखते हुए कुछ यात्रियों ने यात्रा को स्थगित करना ही बेहतर समझा। यात्रियों की संख्या में गिरावट दूसरे महीने में दर्ज की गई। इसके पुख्ता प्रमाण उपलब्ध आंकड़ों से मिलते हैं।
दो जुलाई से शुरू हुई यात्रा के पहले महीने में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और उसके बाद मात्र पचास हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। एक महीने की यात्रा के बाद बाबा अमरनाथ अंतर्धान हो गए जिससे भी श्रद्धालु निराश हुए। यात्रा के दौरान श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई, लेकिन स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को अनिवार्य बनाने को लेकर बोर्ड ने कोई समझौता नहीं किया।
पिछले वर्ष यात्रा की अवधि 44 दिन की थी। ढ़ाई लाख के करीब श्रद्धालुओं ने एडवांस पंजीकरण करवाया तो एक लाख से अधिक श्रद्धालु ऐसे थे, जिन्होंने जम्मू या श्रीनगर में करंट पंजीकरण करवाया।
वर्ष यात्रा आंकड़े
2011 - 6.35 लाख
2012 - 6.21 लाख
2013 - 3.54 लाख
2014 - 3.73 लाख
2015 - 3.52 लाख