अमरनाथ यात्रा के दौरान पूरा होता है छड़ी मुबारक यात्रा
छड़ी यात्रा यानी भगवान को दर पर अपनी मन्नत लेकर जाने का शुभअवसर यह अवसर वर्ष में अमरनाथ यात्रा के दौरान पूरा होता है।
छड़ी यात्रा यानी भगवान को दर पर अपनी मन्नत लेकर जाने का शुभअवसर यह अवसर वर्ष में अमरनाथ यात्रा के दौरान पूरा होता है।
अमरनाथा यात्रा के दरम्यान साधु-महात्मा और तीर्थयात्री अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए श्रीनगर से अलग-अलग अखाड़ों के साथ, बाबा अमरनाथ की गुफा तक पैदल यात्रा करते हैं।
कुछ आवश्यक अनुष्ठानों के बाद छड़ी मुबारक यात्रा पवित्र गुफा की तरफ बढ़ने से पहले प्रसिद्ध शंकराचार्य मंदिर और दुर्गानाग मंदिर जाती है।
पैदल यात्रा के दौरान अवंतीपुरा मंदिर, बिजबेहरा के शिव मंदिर, रघुनाथ जी मंदिर और अनंतनाग में मट्टन स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इन अनुष्ठानों के बीच श्रद्धालुओं को भजन-कीर्तन करते देखा जा सकता है।
छड़ी यात्रा में जाने वाले श्रद्धालु भक्त बाबा बर्फानी का नाम का जप करते हुए आगे बढ़ते जाते हैं। यह धार्मिक यात्रा सदियों से जारी है।
इस तरह छड़ी मुबारक यात्रा में शामिल होने वाले भक्त श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन बाबा अमरनाथ जी के दर पर पहुंच जाते हैं। यहां वह इसी के साथ पवित्र यात्रा का समापन हो जाता है।