अजमेर शरीफ में भी था शिवलिंग
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अजमेर में ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती की दरगाह से पहले वहां शिवलिंग स्थापित था। चार सौ साल पहले ताजमहल के स्थान पर भी अग्रेश्वर महादेव नागनाथेश्वर शिव मंदिर था। शंकराचार्य ने छह दिसंबर को शौर्य दिवस और मातम दिवस मनाने का
हरिद्वार। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अजमेर में ख्वाजा मोईनउद्दीन चिश्ती की दरगाह से पहले वहां शिवलिंग स्थापित था। चार सौ साल पहले ताजमहल के स्थान पर भी अग्रेश्वर महादेव नागनाथेश्वर शिव मंदिर था। शंकराचार्य ने छह दिसंबर को शौर्य दिवस और मातम दिवस मनाने का भी विरोध किया।
गुरुवार को कनखल स्थित आश्रम में ताजमहल को मंदिर बताने संबंधी याचिका दायर करने वाले लखनऊ निवासी अधिवक्ता हरिशंकर जैन से मुलाकात के बाद शंकराचार्य पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। गौरतलब है कि अप्रैल 2015 में हरिशंकर जैन ने सिविल जज सीनियर डिवीजन आगरा की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया है कि ताजमहल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) ने 623 हिंदू चिह्नों की पहचान की है। शंकराचार्य ने कहा कि जैन ने उनसे इस मामले में जन जागरण चलाने का अनुरोध किया है। शंकराचार्य ने कहा कि हम किसी धर्म के विरोधी नहीं है लेकिन यह सत्य है कि देश में मुस्लिम व ईसाई धर्मांतरण करा रहे हैं।