Move to Jagran APP

इस बार अक्षय तृतीया कई दशकों बाद महाअक्षय पूर्ण फलदायी होगी

सनातन धर्म के प्रमुख पर्वो में वैशाष शुक्ल तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया का अपना एक विशेष स्थान है। इसे अपुच्छ मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन स्नान व दान का अपना एक अलग महत्व है। इस मुहूर्त में किए गए कार्य अति फलदायी होते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 03:05 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2015 03:10 PM (IST)
इस बार अक्षय तृतीया कई दशकों बाद महाअक्षय पूर्ण फलदायी होगी

वाराणसी। सनातन धर्म के प्रमुख पर्वो में वैशाष शुक्ल तृतीया अर्थात अक्षय तृतीया का अपना एक विशेष स्थान है। इसे अपुच्छ मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन स्नान व दान का अपना एक अलग महत्व है। इस मुहूर्त में किए गए कार्य अति फलदायी होते हैं।

loksabha election banner

शास्त्रों के अनुसार इस तिथि में यथा शक्ति दान देने से जो पुण्य प्राप्त होता है वह अक्षय फलों को देने वाला है। 1ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन स्नान,दान का सर्वाधिक महत्व है। स्नान में सागर, गंगा या पवित्र नदी सरोवर में स्नान आदि से निवृत होकर हाथ में जल व अक्षत लेकर मानसिक संकल्प करना चाहिए। इसके उपरांत यथा विधि नारायण का पूजन कर उन्हें पंचामृत से स्नान कराकर सुगंधित फूलों की माला पहनाएं। नई वेद में जौ का गेहूं या सतू, मौसमी फल, मिठाई इत्यादि अर्पित करे।

दान में गेहूं, चने का सतू, दही, चावल, ईख, दूध के बने खाद्य पदार्थ के साथ ही घी, मिठाई, सोना, चांदी, तांबा का बर्तन, जलपात्र, अन्न सभी प्रकार के मौसमी फल दान करें। अंत में ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथाशक्ति दक्षिणा दें। इस दिन दान का फल अनंत होता है। कोई शुभ कार्य आरम्भ किया जा सकता है। इस दिन त्रेता युग का आरम्भ हुआ था। अत: अक्षय तृतीया परशुराम जयंती 21 अप्रैल को मनायी जाएगी। तृतीय तिथि 20 अप्रैल को 8.42 बजे से लग रही है। जो 21 अप्रैल को रात्रि 7.20 बजे तक रहेगी। इस दिन विशेष पर काशी में त्रिलोचन महादेव के दर्शन पूजन का विशेष महत्व है। खरीदारी का शुभ समय दिन में 1.20 बजे से 3.34 बजे तक तथा दूसरा प्रदोष काल से चार घटी आगे तक की है। इस बार अक्षय तृतीया को सौभाग्य योग का साथ रहेगा। दोनों योग को चारों चांद लगाने वाला नक्षत्र रोहिणी का साथ 21 अप्रैल को दिन में 2.10 बजे से शुरू हो रहा है। इस बार अक्षय तृतीया कई दशकों बाद महाअक्षय पूर्ण फलदायी होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.