क्यों, माता आद्या शक्ति की पूजा मनोकामना पूर्ण दायक होती है
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, आद्या शक्ति माँ, भगवान् विष्णु के अन्तः कारण की शक्ति हैं, योगमाया शक्ति हैं, तथा प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से संपूर्ण ब्रह्माण्ड के उत्पत्ति के कारक हैं।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, आद्या शक्ति माँ, भगवान् विष्णु के अन्तः कारण की शक्ति हैं, योगमाया शक्ति हैं, तथा प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से संपूर्ण ब्रह्माण्ड के उत्पत्ति के कारक हैं। भगवान ब्रह्मा और शिव, की उत्पत्ति भी इन्हीं के अनुसार ही हुई हैं। सृष्टि के संचालन हेतु, भगवान विष्णु पालनहार, ब्रह्मा रचनाकार, तथा शिव संहारक हुए। क्रमशः तीनो महा देव, तीन प्राकृतिक गुणों के कारक बने, सत्व गुण, रजो गुण तथा तमो गुण, संपूर्ण ब्रह्माण्ड का संचालन इन्हीं गुणों के द्वारा ही होता हैं, परन्तु इन कार्यों में इच्छा शक्ति, माता आदि शक्ति की ही होती हैं। इनकी पूजा मनोकामना पूर्ण दायक होती है ।
त्रि-देवो के अनुसार इन की, जीवन संगिनी भी इन कार्यों में संलग्न रहती हैं। त्रि-देवियाँ या महा-देवियाँ, महा लक्ष्मी, महा सरस्वती तथा महा काली के रूप में, त्रि-देवो की जीवन संगिनी तथा सहायक हैं। महा लक्ष्मी के रूप में ये भगवान विष्णु कि सात्विक शक्ति हैं, महा सरस्वती के रूप में ये ब्रह्मा जी की राजसिक शक्ति हैं तथा सती अथवा पार्वती के रूप में ये शिव के तामसी शक्ति हैं।
काली कुल की देवियाँ प्राय, घोर भयानक स्वरूप तथा उग्र स्वाभाव वाली होती हैं तथा इन का सम्बन्ध काले रंग से होता हैं, इस के विपरीत श्री कुल के देवियाँ सौम्य तथा कोमल स्वाभाव की तथा लाल रंग से सम्बंधित होती हैं।
महा कालीश्मशान के भयानक वातावरण में, शिव की छाती पर पैर रख मग्न रहने वाली, भयानक, घोर-रूपा शक्ति "महा काली" के नाम से जाानी जाती हैं। आदि काल में, जब कुछ भी व्याप्त नहीं था, केवल चारो ओर अंधकार ही अंधकार दृष्टि-गोचर होता था, व्याप्त अंधकार से एक शक्ति उत्पन्न हुई, जिस का नाम काली पड़ा। अंधकार से जन्मा होने के परिणाम स्वरूप, ये शक्ति तमोगुणी तथा काले वर्ण वाली हैं। वे दिव्य स्वरूप वाली, हजारों चन्द्रमा के किरणों से प्रतिबिंबित कांति वाली प्रतीत होती हैं। इन्हीं की इच्छा शक्ति ने इस संपूर्ण चराचर जगत को उत्पन्न किया हैं तथा सभी को अपने कर्मों का फल प्रदान करने वाली हैं। प्रलय काल मैं ये स्वयं महाकाल का भी भक्षण करने मैं समर्थ हैं।
भगवान विष्णु के योग निमग्न रहते हुए, उदित होने वाली तामसी शक्ति, स्वयं आद्या शक्ति हैं जो संहारक हैं तथा महा माया काली के नाम से विख्यात हैं।