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इस तरह आप शनिदेव को प्रसन्‍न कर कई सुुख पा सकते हैं

शुभ संकल्पों को अपनाने के लिए ही शनिवार को शनि पूजा व उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है। यह दु:ख, कलह, असफलता से दूर रख सौभाग्य, सफलता व सुख लाती है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 20 May 2016 01:17 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2016 10:43 AM (IST)

मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मों का फल देना शनिदेव का काम है। ये शक्तियां शनिदेव को ब्रह्मा, विष्णु और शिव से प्राप्त हुई थी। अच्छे-बुरे कर्मों का फल देने वाले शनिदेव की मनुष्य पर टेड़ी नजर पड़ जाए तो मनुष्य थोड़े ही समय में राजा से रंक बन जाता है। शनिदेव क्रोधित स्वभाव और गलती की सजा देने वाले देवता माने जाते है। साथ ही हिन्दू शास्त्र में शनिदेव को भाग्य संवारने और बिगाड़ने वाला माना गया है।

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हमारे पुराणों में शनि देव को खुश करने वाले कई उपायों का वर्णन किया गया है। शुभ संकल्पों को अपनाने के लिए ही शनिवार को शनि पूजा व उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है। यह दु:ख, कलह, असफलता से दूर रख सौभाग्य, सफलता व सुख लाती है।

क्या करें

ऐसा कहा जाता है कि सूर्योदय से पूर्व पीपल की पूजा करने पर शनि देव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। शनि को खुश करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उस पर सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाना चाहिए।

शनि देव को तेल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करें:

नमस्ते कोणसंस्थाय पिडगलाय नमोस्तुते। नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोस्तु ते।। नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च। नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो।। नमस्ते यंमदसंज्ञाय शनैश्वर नमोस्तुते। प्रसादं कुरू देवेश दीनस्य प्रणतस्य च।।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आपको उगते सूरज के समय लगातार 43 दिनों (रविवार को छोड़कर) तक शनिदेव की मूर्ति पर तेल चढ़ाना चाहिए। शनि देव को प्रसन्न करने का यह उपाय शनिवार के दिन ही आरंभ करनी चाहिए।

दशरथ स्तोत्र का पाठ करें:

इनमें सबसे आसान उपाय है प्रत्येक शनिवार को 11 बार महाराज दशरथ द्वारा लिखा गया दशरथ स्तोत्र का पाठ। शनि महाराज ने स्वयं दशरथ जी को वरदान दिया था कि जो व्यक्ति आपके द्वारा लिखे गये स्तोत्र का पाठ करेगा उसे मेरी दशा के दौरान कष्ट का सामना नहीं करना होगा। शनि महाराज प्रत्येक शनिवार के दिन के दिन पीपल के वृक्ष में निवास करते हैं। इसदिन जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करके तीन परिक्रमा करने से शनि प्रसन्न होते हैं।

शनिवार का उपवास रखें: शनि देव को शांत रखने के लिए शनिवार को वर्त रखें और काली गाय या भैंस को उड़द, तेल, तिल, नीलम रत्न और ब्रह्माण को काला कंबल, कपड़ा या लोहा दान करें।

अगर आप शनि दोष से पीडि़त हैं तो इस दिन काली उड़द व कोयले की एक पोटली बनाएं इसमें एक रुपए का सिक्का रखें इसके बाद इस पोटली को अपने ऊपर से उसार कर किसी नदी में प्रवाहित कर दें जिसमें मछलियां रहती हों। और फिर किसी हनुमान मंदिर में जाकर राम नाम का जप करें इससे शनि दोष का प्रभाव कम हो जाएगा।

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें इस दौरान शनि मंत्र का जाप करते रहना चाहिए, यह आपकी साढ़ेसाती की सभी परेशानियों को दूर ले जाता है। धागा लपेटने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना अनिवार्य है। साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए इस दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को दिन में एक बार नमक विहीन भोजन करना चाहिए।

इसके लिए आपको काली गाय के माथे पर तिलक लगाने के बाद सींग में पवित्र धागा बांधना होगा और फिर धूप दिखानी होगी। गाये की पूजा करें। अंत में गाय की परिक्रमा करने के बाद उसको चार बूंदी के लड़्डू, उड़द, तेल, तिल भी खिलाएं। यह शनिदेव की साढ़ेसाती के सभी प्रतिकूल प्रभावों को रोकता है।

हर शनिवार बंदरों और कुत्तों को गुड़ और काले चने खिलाएं, इसके अलावा केले या मीठी लाई भी खिला सकते हैं। यह भी शनिदेव के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने में काफी मददगार होता है।

किसी भी शनिवार आटे (चोकर सहित) दो रोटियां बनाएं। एक रोटी पर सरसों का तेल और मिठाई रखें जबकि दूसरे पर घी। पहली रोटी (तेल और मिठाई वाली) एक काली गाय को खिलाएं उसके बाद दूसरी रोटी (घी वाली) उसी गाय को खिलाएं। यह उपाय भी शनि के प्रभाव के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं को समाप्त करता है|

शनिवार के दिन आप अपने हाथ की लंबाई का 19 गुणा लंबा एक काला धागा लें उसे एक माला के रूप में बनाकर अपने गले में धारण करें। यह अच्छा परिणाम देगा और भगवान शनि को आप पर कृपावान बनाएगा।

शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए, इसके बाद पेड़ के सात चक्कर लगाने चाहिए। इस पूजा के बाद किसी काले कुत्ते को 7 या 11 लड्डू खिलाने से शनि भगवान प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकाना पूर्ण करते हैं।

मान्यता है की शनिवार को जब आप शनिदेव के मंदिर में प्रणाम करने जाएं तो चमड़े के काले रंग के जूते पहन कर जाएं और वापसी पर नंगे पांव घर आएं। जिन लोगों की राशि पर साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो या राशि में शनि अच्छे स्थान पर न हो उन लोगों पर जल्द ही शनिदेव की कृपा होगी।

अगर कौओं को शनिवार के दिन गुलाब जामुन खिलाया जाए, तो शनिदेव की कृपा मिल सकती है। इसी तरह काले रंग के हाथी की सेवा करने से भी शनि देव से सकारात्मक प्रभाव मिल सकता है।

शनिवार को गरीबों को भोजन कराना भी शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने में फायदेमंद होता है।


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