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कई कामनाओं को पूर्ण करने वाले शिवजी के इन मंत्रों में हैं अपार शक्ति

शिवजी की आराधना का मूल मंत्र तो ऊं नम: शिवाय ही है। लेकिन इस मंत्र के अतिरिक्त भी कुछ मंत्र हैं जिनसे भगवान शिव बेहद प्रसन्न हो जाते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 07 Jan 2017 02:21 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jan 2017 02:23 PM (IST)
शिवजी की आराधना का मूल मंत्र तो ऊं नम: शिवाय ही है

शिव जी हिंदू धर्म के भगवान हैं। इन्हें देवों का देव महादेव भी कहा जाता है। शिवजी की आराधना का मूल मंत्र तो ऊं नम: शिवाय ही है। लेकिन इस मंत्र के अतिरिक्त भी कुछ मंत्र हैं जिनसे भगवान शिव बेहद प्रसन्न हो जाते हैं। और सभी मनोकामना को पूर्ण करते हैं ।

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मनोवांछित फल के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए:

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय

मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय

श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।

अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।

निरोग रहने और स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए

सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्।

भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ।।

कावेरिकानर्मदयो: पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय।

सदैव मान्धातृपुरे वसन्तमोंकारमीशं शिवमेकमीडे।।

पूजा के दौरान इन मंत्राों का जाप करें

ॐ वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सर्ज्जनीस्थो |

वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद् ||

ॐ ब्रह्म ज्ज्ञानप्रथमं पुरस्ताद्विसीमतः सुरुचो वेन आवः |

स बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च विवः ||

ॐ नमः श्वभ्यः श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय च रुद्राय च नमः |

शर्वाय च पशुपतये च नमो नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च ||

ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च |

नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च ||

ॐ नमः पार्याय चावार्याय च नमः प्रतरणाय चोत्तरणाय च |

नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च नमः शष्प्याय च फेन्याय च ||

ॐ नमो ज्येष्ठाय च कनिष्ठाय च नमः पूर्वजाय चापरजाय च |

नमो मध्यमाय चापगल्भाय च नमो जघन्याय च बुधन्याय च ||

ॐ इमा रुद्राय तवसे कपर्दिने क्षयद्वीराय प्रभरामहे मतीः |

यशा शमशद् द्विपदे चतुष्पदे विश्वं पुष्टं ग्रामे अस्तिमन्ननातुराम् ||

ॐ नमः कपर्दिने च व्युप्त केशाय च नमः सहस्त्राक्षाय च शतधन्वने च |

नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मेढुष्टमाय चेषुमते च ||

ॐ नमः आराधे चात्रिराय च नमः शीघ्रयाय च शीभ्याय च |

नमः ऊर्म्याय चावस्वन्याय च नमो नादेयाय च द्वीप्याय च ||

दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनं पापनाशनम् |

अघोरपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ||

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