सोमवार को शिवजी की इस तरह पूजा और मंत्र जाप से अति प्रसन्न होंगे महादेव
यह है आशुतोष भगवान शिव को प्रसन्न करने के अत्यंत सरल और अचूक मंत्र। यह बड़ी से बड़ी समस्या और विघ्न को टाल देता है।
शिव शंकर का मुख्य दिन सोमवार को माना जाता है | सोम का अर्थ है चंद्रमा जो शिव के जटा पर विराजित है |शिव से बड़ा इस जगत में कुछ नही है | शिव ही सही मायने में जगतेश्वर है | यह शक्ति से परे नही है बल्कि इनका ही नारी रूप है शक्ति | इनका रूप अर्धनारेश्वर का है जिसमे यह आधे पुरुष और आधे स्त्री है |
शिव कृपा से ही सांसारिक , मानसिक पीड़ा समाप्त हो पाती है, मनुष्य अपने जीवन काल में परब्रहम को प्राप्त कर पाता है |
सोमवार को ऐसा करें
सोमवार के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके और उसी दिन सोमवार का व्रत का संकल्प ले कर शिवालय में जाकर सबसे पहले शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करे | और इस मंत्र का जाप करे :
ऊँ महाशिवाय सोमाय नम:।
फिर उसके बाद गाय के शुद्ध कच्चे दूध से शिवलिंग पर अर्पित करे | यह करना मनुष्य के तन मन धन से जुडी परेशानियों को ख़त्म करता है |
उसके बाद शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाये जिससे नौकरी या व्यवसाय से जुड़ी सभी समस्याओं सुलझ जाती है |
फिर कपूर गंध पुष्प धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक करे , शिव आरती करे और अपनी मनोकामना पूर्ति की दिल से प्रार्थना करें।
सोमवार को शिवलिंग की पूजा अर्चना के बाद कुश के आसन पर विराजमान होकर रुद्राक्ष माला से इन चमत्कारी मंत्रों का जप करना विलक्षण सिद्धि व मनचाहे लाभ देने वाला होता है-
यह मंत्र 11 , 21 , 101 ,1001 बार बोले जा सकते है |
शिवजी के कुछ नामो से नामो मंत्र
ॐ अघोराय नम:
ॐ शर्वाय नम:
ॐ विरूपाक्षाय नम:
ॐ विश्वरूपिणे नम:
ॐ त्र्यम्बकाय नम:
ॐ कपर्दिने नम:
ॐ भैरवाय नम:
ॐ शूलपाणये नम:
ॐ ईशानाय नम:
ॐ महेश्वराय नम:
यह है आशुतोष भगवान शिव को प्रसन्न करने के अत्यंत सरल और अचूक मंत्र। इन मंत्रों का प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से जप करना चाहिए। जप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।
जप के पूर्व शिवजी को बिल्व पत्र अर्पित करना या उनके ऊपर जलधारा लगाना चाहिए।
भगवान शंकर का पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय ही अमोघ एवं मोक्षदायी है, किंतु विषम काल में यदि भक्त पर कोई कठिन व्याधि या समस्या आन पड़े तब श्रद्धापूर्वक ‘ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ’ के मंत्र का एक लाख जप करना चाहिए। यह बड़ी से बड़ी समस्या और विघ्न को टाल देता है।
* ऊर्ध्व भू फट् ।
* नमः शिवाय ।
* ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।
* ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा ।
* इं क्षं मं औं अं ।
* प्रौं ह्रीं ठः ।
* नमो नीलकण्ठाय ।
* ॐ पार्वतीपतये नमः ।
* ॐ पशुपतये नम: