आइए जानें, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उनकी नगरी में कब, क्या होगा
मथुरा-- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन श्रीकृष्ण जन्मस्थान 4 सितंबर: रात्रि सवा नौ बजे ठाकुरजी की जन्म पोशाक के दर्शन। 5 सितंबर: - सुबह 10 बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम। - शाम 5 बजे शोभायात्रा।
मथुरा-- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के आयोजन
श्रीकृष्ण जन्मस्थान
श्री द्वारिकाधीश मंदिर गोकुल में आयोजन
4 सितंबर: रात्रि सवा नौ बजे ठाकुरजी की जन्म पोशाक के दर्शन।
5 सितंबर: - सुबह 10 बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम।
- शाम 5 बजे शोभायात्रा।
- शाम 7 बजे लीलामंच पर श्रीकृष्ण जन्मलीला।
- रात 11 बजे श्रीगणेश नवग्रह का पूजन शुरू।
- रात 12 से 12.10 बजे तक भगवान के प्राकट््य की महाआरती।
- रात 12.15 से 12.30 बजे तक महाभिषेक।
- रात 12.40 से 12.50 तक श्रृंगार आरती के दर्शन।
- जन्म के दर्शन रात्रि डेढ़ बजे तक।
6 सितंबर
- सुबह 9 बजे नंदोत्सव का आयोजन।
- शाम 7 बजे लीलामंच पर नंद महोत्सव, पूतनावध, शंकरलीला।
5 सितंबर
- सुबह साढ़े छह बजे पंचामृत दर्शन।
- सुबह नौ बजे श्रृंगार दर्शन।
- रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव।
6 सितंबर
-सुबह दस बजे से नंद महोत्सव।
4 सितंबर:
- शाम सात बजे छठ पूजन।
5 सितंबर:
- रात 12 बजे जन्मोत्सव।
6 सितंबर:
सुबह साढ़े दस बजे से नंदोत्सव। बांकेबिहारी मंदिर वृंदावन
6 सितंबर:
- रात 12 बजे ठाकुरजी का महाभिषेक।
- रात 1.45 बजे दर्शन खुलेंगे और 1.55 बजे मंगला आरती होगी। आरती के बाद सुबह 5 बजे तक मंदिर दर्शन।
- पांच बजे मंदिर के पट बंद होने के बाद सुबह 7.45 बजे नियमित रूप से दर्शन खुलेंगे। दधिकांधा दोपहर राजभोग आरती से पहले तक चलेगा। राधारमण मंदिर
6 सितंबर को वृंदावन के राधारमण मंदिर और ठा. शाह बिहारी मंदिर में दिन में ही जन्मोत्सव मनाया जाएगा। सुबह 10 बजे से ठा.श्रीराधारमण लालजू का सवा मन दूध से महाभिषेक होगा। सप्त देवालयों से शोभायात्रा 7 को
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के दूसरे दिन 7 सितंबर को लोई बाजार स्थित राधा श्यामसुंदर मंदिर से प्राचीन सप्त देवालयों के साथ अन्य मंदिरों, मठों और आश्रमों की भव्य शोभायात्रा नगर भ्रमण को निकलेगी। बरसाना में आयोजन
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लाड़ली जी मन्दिर में सुबह से ही भजन संध्या व समाज गायन होगा। रात्रि12 बजे मंत्रोच्चारण के साथ पंचामृत से श्रीकृष्ण के दिव्य विग्रह का अभिषेक कराया जाएगा। मंदिर के पुजारी संजू गोस्वामी ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन रात्रि बारह बजे तक मन्दिर खुला रहेगा, लेकिन दर्शन रात्रि नौ बजे बंद हो जाएंगे। रात्रि बारह बजे तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा कीर्तन किया जाएगा।