ऐसा करने से, बजरंग बली सारे कष्ट का हरण कर कामनासिद्धि करते हैं
हर दिन में नई उमंग, उत्साह, ऊर्जा व आशाएं प्राप्त हों इसके लिए भक्तों को श्री हनुमान जी की पूजा भी पूर्ण समर्पण से करनी चाहिए। रामभक्त होने के साथ ही ये महायोगी और साधक भी हैं। श्री हनुमान के चरित्र के ये गुण संकल्प, एकाग्रता, ध्यान व साधना के
भारत में शायद ही कोर्इ ऐसा प्रांत होगा जहां बजरंग बली की पूजा न की जाती हो, चूंकि श्री हनुमान रामदूत और भक्त होकर भक्ति, सेवा, श्रद्धा और समर्पण की साक्षात् मूर्ति हैं। यही नहीं श्री हनुमान चरित्र पावनता और ब्रह्मचर्य व्रत के दृढ़ता से पालन कर सुखद जीवन जीने की प्रेरणा देता है। यही कारण है कि ब्रह्मचर्य से जुड़े पवित्रता, संयम और अनुशासन के भावों को अपनाना हनुमान भक्ति के लिए भी जरूरी बताया गया है। हमें यह पता है श्री हनुमान रुद्र अवतार हैं, इसलिए यह भी कहते हैं कि शिव की भांति ही वह भी भक्ति और साधना के सरल उपायों से शीघ्र कृपा कर देते हैं, जो संकटमोचक और कामनासिद्धि करने वाली होती है।
हर दिन में नई उमंग, उत्साह, ऊर्जा व आशाएं प्राप्त हों इसके लिए भक्तों को श्री हनुमान जी की पूजा भी पूर्ण समर्पण से करनी चाहिए। रामभक्त होने के साथ ही ये महायोगी और साधक भी हैं। श्री हनुमान के चरित्र के ये गुण संकल्प, एकाग्रता, ध्यान व साधना के सूत्रों से जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने की प्रेरणा देते हैं। इस संदेश के साथ कि अगर तन, मन और कर्म को दृढ संकल्प, नियम और अनुशासन से साध लिया जाए तो फिर कोई भी बड़ा या कठिन लक्ष्य पाना बेहद आसान हो जाता है। सालभर ऐसे ही लक्ष्यों को भेदने के लिये अगर शास्त्रों में बताए श्री हनुमान चरित्र के अलग-अलग 12 स्वरूपों का ध्यान एक खास मंत्र स्तुति से किया जाए तो साल के 12 महीने बहुत ही शुभ व मंगलकारी साबित हो सकते हैं। धर्मग्रंथों में बताई खास हनुमान मंत्र स्तुति, जिसे मंगलवार, शनिवार या हनुमान उपासना के खास अवसरों के अलावा हर रोज सुबह या रात को सोने से पहले स्मरण करना न चूकें, ये रही –
हनुमानञ्जनी सूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।।
इस खास मंत्र स्तुति को आप ग्रहण करें। इसमें दर्शित श्री हनुमान के 12 नाम उनके गुण व शक्तियों को भी उजागर करते हैं।