इस नदी के भीतर ऐसे कई रास्ते हैं जहां से पाताल लोक जाया जा सकता है
दरअसल, इस जगह को रामायण की कहानी से इसलिए जोड़ा क्योंकि यहां वनरों की मुर्तियां मिलीं। संभव है कि भारत या श्रीलंका से कोई सुरंग खोदी जाएगी तो वो सीधे यहीं निकलेगी?
नर्मदा नदी को पाताल नदी कहा जाता है। इस नदी के भीतर ऐसे कई रास्ते हैं, जहां से पाताल लोक जाया जा सकता है ? हालांकि समुद्र में भी ऐसे कई रास्ते हैं, जहां से पाताल लोक पहुंचा जा सकता है।
क्योंकि धरती के 75 प्रतिशत भाग पर तो जल ही है। पाताल लोक कोई कल्पना नहीं। पुराणों में इसका विस्तार से वर्णन मिलता है। पुराणों में वर्णित है कि पृथ्वी के नीचे सात लोक हैं जोकि क्रमश: अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल।
तो क्या की जा सकती है पाताल यात्रा
कहते हैं कि जोधपुर के पास भी ऐसी कई गुफाएं हैं जिनका दूसरा सिरा आज तक किसी ने नहीं खोजा। इसके अलावा पिथौरागढ़ में भी हैं पाताल भुवनेश्वर गुफाएं।
यहां पर अंधेरी गुफा में देवी-देवताओं की सैकड़ों मूर्तियों के साथ ही एक ऐसा खंभा है, जो लगातार बढ़ रहा है। बंगाल की खाड़ी के आसपास नागलोक होने का जिक्र है। यहां नाग संप्रदाय भी रहता था। पुराणों में नाग संप्रदाय का उल्लेख नाग लोक के रूप में किया जाता है। जो धरती के अंदर ही है।
वैज्ञानिकों खोजों द्वारा पुष्टि
वाल्मीकि रामायण में एक कथा का उल्लेख मिलता है जिसमें श्रीराम और लक्ष्मण जी को अहिरावण अपहरण कर पाताल लोक ले जाता है। फिर वहां हनुमानजी जाते हैं और अहिरावण का संहार कर धरती पर उन्हें वापिस लाते हैं।
त्रेतायुग की इस पौराणिक कथा में जिस पाताल लोक का जिक्र है। क्या वह आज भी धरती के नीचे मौजूद है? यह एक ऐसा प्रश्न है जिस पर निरंतर शोध जारी है।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने मध्य अमेरिका महाद्वीप के होंडुरास में सियूदाद ब्लांका नाम के एक गुम प्राचीन शहर की खोज की। इस शहर को आधुनिक लाइडर तकनीक से खोजा गया। लोगों का मानना है यह वही पाताल लोक हो सकता है? जहां हनुमानजी गए थे। और उन्होंने अहिरावण का अंत किया था।
दरअसल, इस जगह को रामायण की कहानी से इसलिए जोड़ा क्योंकि यहां वनरों की मुर्तियां मिलीं। संभव है कि भारत या श्रीलंका से कोई सुरंग खोदी जाएगी तो वो सीधे यहीं निकलेगी?