जगन्नाथपुरी धाम: यह भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है
जगन्नाथ मंदिर वास्तव में एक बहुत बड़े परिसर का हिस्सा है जो 40000 वर्ग फिट में फैला है, मन्दिर के शिखर पर विष्णु का श्री चक्र स्थापित है
हिन्दुओं के चार धामों में से एक गिने जाने वाला यह तीर्थ पुरी, ओड़िसा में स्थित है। यह भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। रथ यात्रा यहाँ का प्रमुख और प्रसिद्ध उत्सव है। यह मन्दिर वैष्णव परंपराओं और संत रामानन्द से जुड़ा हुआ है। गोड़ीय वैष्णव संप्रदाय के संस्थापक चैतन्य महाप्रभु कई वर्श तक भगवान श्रीकृष्ण की इस नगरी में रहे थे।
कथाओं के अनुसार भगवान की मूर्ति अंजीर वृक्ष के नीचे मिली थी। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा इस मंदिर के मुख्य देव हैं जिन्हे अति भव्य और विशाल रथों में सुसज्जित करके यात्रा पर निकालते हैं। यह यात्रा रथ यात्रा के नाम से जानी जाती है जो कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीय को आयोजित की जाती है। रथ यात्रा का उत्सव भारत के अनेकों वैष्णव कृष्ण मन्दिरों में भी बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है एवं भगवान की शोभा यात्रा पूरे हर्ष उल्लास एवं भक्ति भाव से निकाली जाती है।
जगन्नाथ मंदिर वास्तव में एक बहुत बड़े परिसर का हिस्सा है जो लगभग 40000 वर्ग फिट में फैला हुआ है, मुख्य मन्दिर के शिखर पर भगवान विष्णु का श्री चक्र स्थापित है इस आठ कोणों के चक्र को “नीलचक्र” भी कहतें है जो अष्टधातु का बना है।