ऐसी मान्यता है कि जो अपनी मनोकामना यहां लिख छोड़ गया है उसकी मनोकामना पूरी हुई है
ऐसा माना जाता है की जो कोई भी व्यक्ति वहां घंटी में अपनी मनोकामना लिख छोड़ गया है उसकी मनोकामना पूरी हुई है।
यह एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है जहां से कोई भक्त कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लोटा है। कुमाऊ में अल्मोड़ा से कुछ आगे चितई गोलू देवता का एक भव्य मंदिर है तथा यहां मनोकामना पूर्ति के लिए अनगिनत अर्ज़ियां भक्तों द्वारा दायर की जाती हैं।
उत्तराखण्ड राज्य प्राकृतिक खूबसूरती के बीच बसा हुआ है, ऐसी मान्यता है की प्रकृति के गोद में बसा यह राज्य देवी देवताओं का निवास स्थान है। यहां भगवान से सम्बन्धित अनेक चमत्कारों की घटना घटित हुई है।
इस मंदिर में गोलू देवता के साथ ही देवी माता की भी पूजा करि जाती है। न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देव का यह मंदिर अल्मोड़ा से लगभग तीस किलोमीटर दूर मुख्य सड़क पर है।
पहले जब यहां भक्तों की मनोकामना पूरी होती थी तो भक्तों द्वारा भगवान को बकरी की बलि चढ़ावे के रूप में देना का प्रावधान था, परन्तु अब फरियाद पूरी होने पर नारियल एवम चुनरी का चढ़ावा चढ़ाया जाता है।
जब कोई व्यक्ति गोलू देवता के समक्ष अपनी मनोकामना लेकर आता है तो वह उनकी और देवी माता की पूजा कर मंदिर के बाहर एक घंटी में अपनी मनोकामना लिख वहां टांग जाता है। ऐसा माना जाता है की जो कोई भी व्यक्ति वहां घंटी में अपनी मनोकामना लिख छोड़ गया है उसकी मनोकामना पूरी हुई है।पढें; मान्यता है कि पौष महीना मेें सूर्य को अर्घ्य देने से मानसिक शांति मिलती है