यहां शीतला माता के पूजन से मिलती है संतान की आरोग्यता
सनातन धर्म में आदि शक्ति को मातृ स्वरूप मानकर उनकी अनेक रूपों में पूजा की जाती है। इन्हीं में एक है भगवती शीतला माता, जिन्हें आरोग्य और स्वच्छता की देवी माना जाता है। धर्मनगरी स्थित शीतला माता मंदिर में श्रद्धालु संतान की आरोग्य और दीर्घायु के लिए पूजा-अर्चना की जाती
हरिद्वार। सनातन धर्म में आदि शक्ति को मातृ स्वरूप मानकर उनकी अनेक रूपों में पूजा की जाती है। इन्हीं में एक है भगवती शीतला माता, जिन्हें आरोग्य और स्वच्छता की देवी माना जाता है। धर्मनगरी स्थित शीतला माता मंदिर में श्रद्धालु संतान की आरोग्य और दीर्घायु के लिए पूजा-अर्चना की जाती है।
दक्षनगरी कनखल स्थित शीतला देवी मंदिर को राजा दक्ष की कुल देवी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी जगह पर राजा दक्ष ने अपनी कुल देवी शीतला देवी की कठोर तपस्या की थी। इस पर राजा दक्ष की मनोकामना पूरी हुई और इसी स्थान पर सती माता ने जन्म लिया। सत युगीन इस मान्यता के आधार पर इस स्थान पर लोग शीतला माता की पूजा करते आ रहे हैं। इसके बाद शीतला माता जन-जन की आराध्य देवी हो गई। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में पूजा-अर्चना करने से शीतला माता की अनुकंपा से लोग रोग मुक्त हो जाते हैं। वैसे तो साल भर श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन शीतला अष्टमी पर माताएं संतान की आरोग्य के लिए बड़ी संख्या में मंदिर में शीतला माता का पूजन करते हैं। साल के दो
नों नवरात्रों में तो पूजा-अर्चना को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। नवरात्रों में यहां हर रोज 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। हर रोज पंचामृत से माता का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि मंदिर में माता का पूजन करने से समस्त मन वांछित फल की प्राप्ति हो जाती है। खासतौर पर लोग यहां संतान की आरोग्य को माता की पूजा करते हैं।