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पिक्चर परफेक्ट होम

कभी-कभी अपने ही घर का कोई कोना इतना खूबसूरत दिखता है कि जी में आता है कि काश इसे कैनवस पर उकेर लेते या फिर फोटो खींच कर फ्रेम में कैद कर लेते। यही है पिक्चर परफेक्ट होम। अगर ऐसे घर की कल्पना को साकार करना चाहते हैं तो सखी के साथ तैयार हो जाएं घर के मेकअप के लिए।

By Edited By: Published: Mon, 01 Sep 2014 04:27 PM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 04:27 PM (IST)
पिक्चर परफेक्ट  होम

कहते हैं, खूबसूरती देखने वाले की आंखों में छिपी होती है। अच्छे फोटोग्राफर की खूबी होती है कि वह साधारण चीज में भी खूबसूरती ढूंढ लेता है। घर हमारे ख्वाबों की हकीकत है। यह हमारी कलात्मकता व रचनात्मकता की कहानी बयां करता है। इसे पिक्चर परफेक्ट बनाना है तो शुरू करें..! घर के हर कमरे में कुछ न कुछ स्पेशल किया जा सकता है। इसके लिए चाहिए थोडा सा वक्त और शौक।

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सुंदरता और सादगी

सुंदरता का सादगी से अद्भुत तालमेल है। घर को सादा और सुंदर बनाना है तो सबसे पहले इसे क्लटर-फ्री करें। ढेरों फर्नीचर या एक्सेसरीज कमरे को छोटा दिखाते हैं और नजर किसी एक चीज पर नहीं ठहर पाती। घर को साफ-सुथरा करें, अतिरिक्त व पुराने सामान, कपडे किसी को दें, रीसाइकिल करें या बेच दें। पिक्चर परफेक्ट होम बनाने के लिए उसे फिर से डेकोर करना होगा, डिटेलिंग पर ध्यान देना होगा।

फोकल पॉइंट

कम फर्नीचर रखें। लेकिन एक पीस ऐसा हो जो फोकल पॉइंट का काम करे। जैसे कॉर्नर सोफा या खूबसूरत सा कंसोल। आइडी यूएस के एमडी समीर होरा के अनुसार, सोफा लिविंग या ड्रॉइंग रूम का अनिवार्य फर्नीचर है और कमरे के आकार, शेप के हिसाब से कॉर्नर सोफाज मार्केट में आसानी से उपलब्ध हैं। ये जगह का पूरा उपयोग करते हैं और इनसे कमरा बहुत भरा हुआ नहीं लगता। कंसोल से भी कमरे को एलीगेंट लुक मिलता है। चाहे मॉडर्न फर्नीचर को स्लीक ग्लास कंसोल टेबल से कॉम्पि्लमेंट करना चाहें या वुड हॉल कंसोल टेबल से रस्टिक चार्म पैदा करना चाहें, ये खूबसूरत दिखते हैं।

लाइट्स का चयन

लाइटिंग सही हो तो पूरे घर का लुक बदल सकता है। घर का इंटीरियर बदलते समय सबसे ज्यादा ध्यान लाइटिंग पर देना चाहिए। कमरे रोशनी से भरे हों, ताकि छोटे स्पेस में भी बडी जगह का एहसास हो सके। विंडो ड्रेसिंग, कर्टेस, मिरर, कैंडल्स और कलर कॉम्बिनेशन से घर में रोशनी की व्यवस्था की जा सकती है। जिन कमरों में नैचरल लाइट कम हो, वहां व्हाइट या लाइट पेंट कलर्स और फैब्रिक्स का इस्तेमाल करें।

पेंट कलर्स

कलर्स का इंसान के मन और शरीर पर बहुत प्रभाव पडता है। कुछ रंग मन को थका देते हैं या निराशा का भाव जगाते हैं, जबकि कुछ स्फूर्ति और जोश पैदा करते हैं। रंगों के मामले में सबकी पसंद अलग होती है। घर के रंगों में भी वहां रहने वालों की पसंद झलकनी चाहिए। इसके लिए अपने कमरे की एक वॉल पर कुछ प्रयोग जरूरी हैं। इंटरनेट और मार्केट सर्च करने से अपनी रुचि की कई थीम्स मिल सकती हैं। टेक्सचर्ड पेंटिंग हो या वॉल पेपर्स का इस्तेमाल, कमरे की एक दीवार पर थोडी कलात्मकता का प्रदर्शन जरूर करें। इससे कमरे का लुक बदलता है, एकरसता टूटती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

किचन कैबिनेट्स

किचन घर का दिल है और गृहिणी की प्रयोगशाला। यहां स्मार्ट स्पेस सेविंग शेल्फ बहुत जरूरी हैं। किचन का रेनोवेशन कर रहे हैं तो ट्रडिशनल वुड कैबिनेट्स के बजाय ग्लास डोर्स लगाएं। इससे अंदर की चीजें साफ नजर आएंगी, साथ ही किचन में रोशनी नजर आएगी। ग्लास डोर लगने से मनपसंद क्रॉकरी भी ठीक से डिस्प्ले कर सकेंगे। किचन में नमी और डस्ट से बचने का इंतजाम सही ढंग से करें और नियमित सफाई करें। व्हाइट पेंट कलर सदाबहार है, लेकिन आप बोल्ड हैं तो यहां अपने मनपसंद बोल्ड कलर्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

परफेक्ट बैलकनी और छत

बैलकनी में शेड लगाएं। इसे मनपसंद प्लांटर्स से भरें। बीच में झूला लगाएं और साइड में छोटी सी बुक शेल्फ..। छत के एक कॉर्नर में अंब्रैला लगाएं और नीचे दो-तीन चेयर्स रखें। सीजनल और सदाबहार प्लांट्स इसे हरे-भरे बगीचे का रूप दे सकते हैं। बीच में फाउंटेन और रंगबिरंगी लाइट्स लगा सकते हैं। बडे प्लांट्स पर चिडियों के लिए कुछ घोंसले बना दें। छत गुलजार हो जाएगी और संडे की छुट्टी का मजा दुगना हो जाएगा।

कॉर्नर्स डेकोर

सीढियों के नीचे वाले स्पेस या कॉर्नर्स का सदुपयोग करना भी जरूरी है। फ्लैट्स सिस्टम में आमतौर पर प्रवेश द्वार से लिविंग या ड्राइंग रूम तक पहुंचने के लिए छोटा सा पैसेज होता है, जिसका सही डेकोर घर को पिक्चर परफेक्ट बना सकता है। इस एरिया में कलरफुल कुशंस से सजा हुआ छोटा सोफा रखा जा सकता है, साथ में छोटा सा स्टूल। सीढियों के नीचे या पैसेज एरिया में अंडर-कवर शू-रैक रख सकते हैं। स्पेस ज्यादा हो तो बुकशेल्व्स बनाएं, साथ में एक छोटी सी स्टडी टेबल और कुर्सी रखें। जगह कम है तो इसे स्टोरेज एरिया में तब्दील कर दें।

एक्सेसरी कलेक्शन

एक्सेसरीज कम हों, तभी उन पर नजर टिकती है। लेकिन इन्हें तीन या पांच के ग्रुप में रखने से ये फोकल पॉइंट का काम कर सकती हैं। जैसे तीन अलग-अलग साइज वाले वासेज, तीन पिक्चर फ्रेम, तीन मिरर..। जेआइएमएस, दिल्ली में इंटीरियर डिजाइन की हेड शिखा द्राबू कहती हैं, मिरर्स से घर को बडा दिखाने में मदद मिलती है। ये खूबसूरत डेकोरेटिव फ्रेम्स वाले लुकिंग मिरर हो सकते हैं। बडे मिरर के नीचे एक कंसोल रखें जिस पर फ्लॉवर्स, वासेज, फेमिली फोटोग्राफ्स या अवॉ‌र्ड्स डिस्प्ले कर सकते हैं। लेकिन ऐसे कलेक्शंस एकाध ही हों। दीवारें या घर के कोने कभी भी ओवर डेकोरेटेड न दिखें। अपने घर में कुछ आर्ट वर्क जरूर रखें। जैसे एक खूबसूरत सी पेंटिंग जो डिजाइन स्कीम्स से मेल खाती हो, फोकल पॉइंट का काम कर सकती है। सीढियों के किनारे, गैलरी स्पेस या दो खिडकियों के बीच की जगह पर पेंटिंग्स लगा सकते हैं। कलात्मक चीजों को हैंग करना हो तो इसे आइ लेवल पर रखें। लोअर हाइट या ज्यादा हाइट पर इन्हें रखने से इनका प्रभाव यकीनन कम पडेगा।

प्रवेश द्वार

घर का प्रवेश खूबसूरत होना चाहिए, ताकि वह आने वालों का स्वागत करता प्रतीत हो। घर के फ्रंट डोर पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रवेश द्वार के आसपास थोडा स्पेस है तो वहां एक डेकोरेटिव मिरर लगा सकते हैं, जिसके नीचे कंसोल या छोटा स्टूल रखा जा सकता है। इस पर वास्तु या फेंगशुई से जुडी कुछ चीजें रख सकते हैं। छत से लटकते विंड चाइम्स भी सकारात्मक ऊर्जा का आभास कराते हैं। प्रवेश द्वार के दोनों ओर रंगबिरंगे प्लांटर्स भी आने वाले का दिल से स्वागत करते हैं।

इंदिरा राठौर


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