सेहत पर भारी चुस्त जींस
फिगर को आकर्षक लुक देने के लिए टाइट जींस का चलन हमेशा से ही रहा है। सुपर फ्लैटरिंग, क्लासिक और स्किनी जींस मेट्रो लुक देती हैं, इसलिए ये आधुनिक स्त्री की वॉर्डरोब का प्रमुख हिस्सा हैं। लेकिन सेहत के लिहाज से देखा जाए तो चुस्त कपड़े हर किसी के लिए
फिगर को आकर्षक लुक देने के लिए टाइट जींस का चलन हमेशा से ही रहा है। सुपर फ्लैटरिंग, क्लासिक और स्किनी जींस मेट्रो लुक देती हैं, इसलिए ये आधुनिक स्त्री की वॉर्डरोब का प्रमुख हिस्सा हैं। लेकिन सेहत के लिहाज से देखा जाए तो चुस्त कपडे हर किसी के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। अगर आप भी चुस्त जींस या लेगिंग्स पहनती हैं तो यहां दी गई बातों पर गौर जरूर फरमाएं।
टेन में हुए एक शोध से पता चला है कि चुस्त जींस और लेगिंग्स का सेहत पर विपरीत प्रभाव पडता है। फिगर को आकर्षक लुक देने वाले चुस्त कपडे कैंसर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक समेत कई जानलेवा रोगों का कारण बन सकते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो चुस्त जींस से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) और ब्लैडर के कमजोर होने के कारण भी बनती हैं। आइए जानते हैं बेहद चुस्त और स्किनी जींस हमारी सेहत को किस-किस तरह से प्रभावित करती है।
कैंडिडा यीस्ट इन्फेक्शन
यह बहुत आम संक्रमण है। इसके कारण वजाइना के आसपास सूजन या खुजली की समस्या होती है। साथ ही यूरिन और सेक्स करने के दौरान दर्द होता है। कैंडिडा आमतौर पर शरीर के ऐसे हिस्से पर होता है जहां नमी रहती है। मसलन मुंह, डाइजेस्टिव ट्रैक्ट और वजाइना पर। स्किनी जींस पहनने से कैंडिडा संक्रमण एक आम समस्या है। यह नमी वाले स्थान पर होता है जहां ऑक्सीजन का आवगमन नहीं हो पाता है। लगातार कई घंटों तक टाइट जींस पहने रहने से शरीर के बंद हिस्से तक हवा नहीं जा पाती इस कारण वहां कैंडिडा संक्रमण होने की आशंका बढ जाती है।
एसिडिटी
चुस्त जींस व लेगिंग्स पहनने से पेट के ऊपर अतिरिक्त दबाव पडता है, जिस कारण एसिड भोजन नली में रिसने लगता है। इस कारण कभी-कभी चार-पांच घंटे बैठे रहने के बाद घबराहाट या बेचैनी महसूस होती है। गले और सीने में जलन होती है। पेट पर दबाव पडऩे पर खाना निगलने में भी दिक्कत महसूस होती है। इतना ही नहीं, इससे इम्यून सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है। ऐसे में बेहतर होगा कि स्ट्रेचबेल फैब्रिक वाली जींस चुनें, ताकि दबाव पडऩे पर वह स्ट्रेच हो सके।
त्वचा संबंधी संक्रमण
टाइट जींस हवा को त्वचा तक पहुंचने से रोकती है। ऐसे में पसीना निकलने से त्वचा में खुजली और जलन की शिकायत हो सकती है। गर्मियों में ऐसी जींस पहनने से जहां तक हो बचना चाहिए। जींस त्वचा से रगड खाती है तो रैशेज पडऩे का डर रहता है।
कैंसर की आशंका
एसिडिटी की समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो भोजन नली की भीतरी दीवारों में विकृत कोशिकाएं पैदा होने लगती हैं, जो आगे चलकर कैंसर का कारण बनती हैं। एक शोध के मुताबिक एसिडिटी की समस्या से लगातार जूझ रहा हर दस में से एक शख्स कैंसर से ग्रस्त हो सकता है। जिन स्त्रियों का वजन अधिक हो या डायबिटीज हो, उन्हें चुस्त जींस और लेगिंग्स पहनने से बचना चाहिए।
पीठ व कमर का दर्द
लंबे समय तक चुस्त कपडे पहनने से रीढ की हड्डी, पेट और कमर के निचले हिस्से की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। कसाव के कारण हड्डियां और जोड आसानी से हिल-डुल नहीं पाते, इससे पीठ, कमर और पैरों में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। किसी खास अवसर पर 2-3 घंटे के लिए टाइट जींस या लेगिंग पहन सकती हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि एक जगह बैठी न रहें। आधे घंटे के अंतराल पर इधर-उधर टहलने से एसिडिटी की समस्या नहीं होगी।
सखी फीचर्स
(इनपुट : डॉ. राज गर्ग, स्किन स्पेशलिस्ट, पुष्पांजली हॉस्पिटल, दिल्ली)