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सखी झरोखा

सखी अब अपने सोलहवें साल में प्रवेश कर चुकी है। इस खास मौके पर यह आपके सामने उपस्थित है बिलकुल नए अंदाज में।

By Edited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 03:12 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 03:12 PM (IST)
सखी झरोखा

इस अंक में खास मार्च 2017 एनिवर्सरी स्पेशल सखी अब अपने सोलहवें साल में प्रवेश कर चुकी है। इस खास मौके पर यह आपके सामने उपस्थित है बिलकुल नए अंदाज में। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कैलाश खेर, उदित नारायण और सोनू सूद बता रहे हैं उन स्त्रियों के बारे में, जो उनकी प्ररेणास्त्रोत रही हैं। रितिक रोशन के बचपन से जुडी यादें पढकर आप हंसे बिना नहीं रह सकेंगे। साथ ही होंगी सकारात्मक सोच से परिपूर्ण बेहतरीन रचनाएं जो हर कदम पर आपका मार्गदर्शन करेंगी। उनके अलावा आप पढ सकेंगे कहानियां एवं सौंदर्य, फैशन और युवाओं से संबंधित कई नए स्थायी स्तंभ।

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अगले अंक के अप्रैल 2017 करियर स्पेशल जब करियर की बात होती है तो आट्र्स स्ट्रीम से जुडे छात्रों के मन में अकसर यह सवाल उठता है कि उनके लिए इसके बेहतर विकल्प क्या हो सकते हैं? वे अकसर परेशान रहते हैं कि अपने लिए जॉब का चुनाव करते समय उन्हें किन बातों का खयाल रखना चाहिए। युवाओं के मन में उठने वाले ऐसे सभी सवालों के जवाब के अलावा करियर से संबंधित कई जानकारीपूर्ण रचनाएं होंगी पत्रिका के आगामी अंक में। साथ ही आप पढ सकेंगे रोचक स्थायी स्तंभ, लेख, कहानियां, कविताएं और भी बहुत कुछ।

विचार आमंत्रित प्रैंक से जरा बचकर हाल ही में एक विडियो खूब वायरल हुआ, जिसमें एक लडका लडकियों को जबरन किस करता नजर आ रहा था। हालांकि उसने इसे प्रैंक का नाम दिया लेकिन प्रैंक के नाम पर कोई भी व्यक्ति लडकियों के साथ ऐसा अभद्र मजाक कैसे कर सकता है? क्या ऐसी जुर्रत के लिए उसे दंडित नहीं किया जाना चाहिए? इस बारे में आप हमें अपनी राय, पासपोर्ट साइज फोटो और पूरे पते के साथ लगभग 500 सौ शब्दों में यथाशीघ्र लिख भेजें। चाहें तो ई-मेल के माध्यम से भी भेज सकते हैं।

स्टार ऑफ दि मंथ : भारूलता ब्रटेन से भारत तक कार ड्राइव करके आना, किसी भी व्यक्ति के लिए एडवेंचरस हो सकता है लेकिन भारूलता कांबले का यह प्रयास सिर्फ कीर्तिमान स्थापित करने के लिए नहीं था। इस लंबे सफर के पीछे बेहद महत्वपूर्ण कारण भी था। दरअसल भारूलता अपने गांव में एक चैरिटेबल हॉस्पिटल बनाना चाहती थीं और इस यात्रा के दौरान उन्होंने इसके लिए धन भी जुटाया। भारूलता कांबले ने ब्रिटेन से गुजरात तक 32 हजार किलोमीटर की यात्रा अकेले ड्राइव कर पूरी की है। इस दौरान उन्होंने 32 देशों को पार किया। भारतीय मूल की भारूलता दुनिया की ऐसी पहली महिला बन गई हैं, जिन्होंने 57 दिन में 32 हजार किमी. का सफर तय किया है। इस दौरान उन्होंने नौ पहाडी घाटियों, तीन बडे मरुस्थलों और दो महाद्वीप भी पार किए। उनकी यात्रा को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में शामिल किया जाएगा।


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