उलझनें सखी की
मैं 28 वर्षीया विवाहिता हूं। मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं। बड़ी बहू होने के नाते जहां तक संभव होता है, मैं अपनी सारी जि़म्मेदारियां अ'छी तरह निभाती हूं। परिवार के किसी भी सदस्य को मुझसे कोई शिकायत नहीं है, पर मेरी सास बहुत परफेक्शनिस्ट हैं।
मैं 28 वर्षीया विवाहिता हूं। मेरी शादी को दो साल हो चुके हैं। बडी बहू होने के नाते जहां तक संभव होता है, मैं अपनी सारी जिम्मेदारियां अ'छी तरह निभाती हूं। परिवार के किसी भी सदस्य को मुझसे कोई शिकायत नहीं है, पर मेरी सास बहुत परफेक्शनिस्ट हैं। इसलिए उन्हें मेरा कोई भी काम पसंद नहीं आता और वह अकसर मुझसे नाराज रहती हैं। समझ नहीं आता कि उनकी यह नाराजगी कैसे दूर होगी?
एस. एस., पटना
आप अपनी ससुराल की सबसे बडी बहू हैं। इसलिए आपकी सास आपसे कुछ ज्यार उम्मीदें रखती हैं। सास बनने के बाद कुछ स्त्रियां घर-परिवार और रिश्तों को लेकर
ज्यादा भावुक हो जाती हैं। ऐसे में आपकी कोशिश यही होनी चाहिए कि आपके व्यवहार की वजह से सास की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। सबसे पहले शांत मन से यह जानने की कोशिश करें कि आपकी कौन सी आदतें उन्हें नापसंद हैं, फिर धीरे-धीरे अपनी उन आदतों को बदलने की कोशिश करें। घर में होने वाले पूजा-पाठ या त्योहार की तैयारी जैसी गतिविधियों में अपनी पूरी सक्रियता दिखाएं। यह देखकर निश्चित रूप से उन्हें अ'छा लगेगा और आप जल्द ही उनका दिल जीत लेंगी। अगर आपकी इन कोशिशों के बावजूद उनकी नाराजगी दूर न हो तो भी उनकी बातों को दिल पर न लें और हमेशा ख्ाुश रहने की कोशिश करें।
मैं 31 वर्षीया विवाहिता और जुडवां बच्चों की मां हूं, जो अभी मात्र आठ महीने के हैं। उनकी देखभाल और घर के कामकाज की वजह से मैं बहुत ज्यादा व्यस्त रहती हूं। मेरे पति को मुझसे यही शिकायत रहती है कि मैं उनका ख्ायाल नहीं रखती। इसी बात को लेकर वह अकसर मुझसे नाराज हो जाते हैं। इसका क्या समाधान है?
एम. एस., लखनऊ
घर में नए शिशु के आगमन के बाद पति-पत्नी के रिश्ते में अकसर ऐसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। ऐसे में चिंतित होने के बजाय धैर्यपूर्वक समस्याओं का हल ढूंढने की कोशिश करें। किसी न किसी बहाने पति को भी बच्चों की देखभाल में शामिल करने की कोशिश करें। अपना टाइम मैनेजमेंट इस ढंग से करें कि आपको घर, पति और बच्चे की देखभाल में असुविधा न हो। दोपहर के वक्त जब बच्चे सो रहे हों, उसी दौरान ज्य़ादा से ज्य़ादा घरेलू कार्य निबटाने की कोशिश करें। इन जिम्मेदारियों के बीच ख्ाुद को न भूलें। अपनी सेहत और आराम का पूरा ध्यान रखें। शाम को पति के घर आने से पहले न केवल घर को सलीके से संवार कर रखें, बल्कि बच्चों के साथ ख्ाुद भी अ'छी तरह तैयार होकर रहें। इससे घर में पॉजिटिव माहौल बना रहता है, वरना बिखरा घर और अस्त-व्यस्त सी चिडचिडी पत्नी को देख कर अकसर पति तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसका दांपत्य जीवन पर भी बुरा असर पडता है। इसलिए हमेशा ख्ाुश रहने की कोशिश करें। अपने व्यवहार से पति को यह एहसास दिलाएं कि वे आपके लिए सबसे ख्ाास हैं। इन छोटी-छोटी कोशिशों से उनकी नाराजगी दूर हो जाएगी।
मैं 25 वर्षीया कामकाजी अविवाहिता हूं। मैंने अपने ही परिवार में कई शादियों को टूटते देखा है। इसलिए मैं अरेंज्ड मैरिज से बहुत ज्यादा डरती हूं। मैंने अपने माता-पिता को बता दिया है कि मैं इस तरीके से शादी नहीं करूंगी, जब कोई लडका मुझे पसंद आ जाएगा तो एक-दूसरे को अ'छी तरह समझने के बाद ही शादी का निर्णय लूंगी। फिर भी वे मेरे लिए रिश्ता ढूंढ रहे हैं और अकसर किसी लडके के परिवार वालों को घर पर बुला लेते हैं। उनकी ऐसी आदतों की वजह से मैं बहुत तनावग्रस्त रहती हूं। उन्हें कैसे समझाऊं?
पी. एल., दिल्ली
दूसरों के जीवन में घटित होने वाली बुरी घटनाओं की वजह से अपने बारे में ऐसी नकारात्मक सोच रखना गलत है। आपके माता-पिता सही सोच रहे हैं। जहां तक आपकी पसंद का सवाल है तो अपनी ओर से भी योग्य जीवनसाथी की तलाश जारी रखें। चाहे लव मैरिज हो या अरेंड, जीवनसाथी के चुनाव के मामले में आप बेशक अपनी पसंद को प्राथमिकता दें। लडके से बातचीत के बाद पूरी तरह संतुष्ट होने पर ही कोई निर्णय लें। अगर आपके मन में शादी को लेकर बहुत ज्य़ादा डर है तो बात पक्की होने के बाद अपने भावी जीवनसाथी के साथ किसी काउंसलर से भी प्री-मैरिटल काउंसलिंग ले सकती हैं।
मैं 56 वर्षीया होममेकर हूं। रिटायरमेंट के बाद अब मेरे पति भी घर पर रहने लगे हैं और छोटी-छोटी बातों को लेकर अकसर रोक-टोक करते हैं। इससे मुझे बहुत ज्यादा परेशानी होती है। उनकी यह आदत कैसे सुधरेगी?
आर. एस., कोटा
रिटायरमेंट के बाद पुरुषों के व्यवहार में अकसर ऐसा बदलाव नजर आता है। इससे आप चिंतित न हों। घर पर खाली बैठे रहने की वजह से आपके पति को बोरियत होती होगी। इसीलिए वह अकसर रोक-टोक करते हैं। आप धीरे-धीरे उन्हें घर से जुडी सभी गतिविधियों में शामिल करें। उनकी मनपसंद डिश बनाते समय किचन में उनसे भी सहयोग लें। रोजाना मॉर्निंग वॉक के लिए उन्हें अपने साथ लेकर घर के आसपास स्थित किसी पार्क में जाएं। टहलने के बाद वहां थोडी देर बैठकर बातचीत करें। आसपास के लोगों से मेलजोल बढाएं और अपने पति को सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करें। इस तरह जब वह व्यस्त रहने लगेंगे तो जल्द ही उनकी यह आदत अपने आप सुधर जाएगी। द
प्रचलित धारणा : दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए पति- पत्नी के विचारों में समानता होनी चाहिए।
एक्सपर्ट की राय : यह बात पूरी तरह सही नहीं है। अगर दांपत्य जीवन में एक-दूसरे के प्रति प्यार और विश्वास हो तो विपरीत स्वभाव और रुचियों वाले दंपतियों के बीच भी बहुत अ'छी अंडरस्टैंडिंग देखने को मिलती है। कई बार समान विचारों वाले पति-पत्नी भी एक साथ खुश नहीं रह पाते। रिश्ते के प्रति ईमानदारी और आपसी समझ ही वैवाहिक जीवन की सफलता का आधार है।
डॉ.जयंती दत्ता