Move to Jagran APP

उलझनें सखी की

मैं 25 वर्षीय कामकाजी अविवाहिता हूं। अपने एक कलीग से मेरा अफेयर है और अब हम दोनों शादी करना चाहते हैं, पर वह दूसरी जाति का है। इसलिए उसके माता-पिता इस शादी के लिए तैयार नहीं हैं। मेरे परिवार वालों को कोई आपत्ति नहीं है, प

By Edited By: Published: Tue, 02 Feb 2016 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2016 02:52 PM (IST)

मैं 25 वर्षीय कामकाजी अविवाहिता हूं। अपने एक कलीग से मेरा अफेयर है और अब हम दोनों शादी करना चाहते हैं, पर वह दूसरी जाति का है। इसलिए उसके माता-पिता इस शादी के लिए तैयार नहीं हैं। मेरे परिवार वालों को कोई आपत्ति नहीं है, पर उन्हें इस बात का डर है कि शादी के बाद अगर मेरे साथ ससुराल वालों का व्यवहार अच्छा नहीं हुआ तो क्या होगा? मैं दोनों परिवारों की रजामंदी से शादी करना चाहती हूं, पर हालात बहुत मुश्किल हैं। मैं क्या करूं?

loksabha election banner

एन. एस., दिल्ली

सबसे पहले आप उस लडके से कहें कि वह आपको अपने परिवार वालों से भी मिलवाए। फिर आप अपने अच्छे व्यवहार से धीरे-धीरे उन लोगों के दिल में जगह बनाने की कोशिश करें। त्योहार या जन्मदिन जैसे किसी अवसर पर आप दोनों परिवारों की मुलाकात भी करवाएं। ध्यान रहे कि पहली मुलाकात में शादी को लेकर कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए। आज के जमाने में लोग जाति के बजाय लडकी या लडके के गुणों को अहमियत देते हैं। लडके के परिवार वाले इस बात को जल्द ही समझ जाएंगे। अभी इस रिश्ते को थोडा वक्त दें। जिंदगी की नई शुरुआत सोच-समझकर ही करनी चाहिए।

मैं 30 वर्षीय विवाहिता और दो बच्चों की मां हूं। पिछले दिनों एक सोशल नेटविर्किंग साइट पर अपने कॉलेज के एक पुराने दोस्त से मुलाकात हुई, जो अभी भी अविवाहित है। उसके बाद चैटिंग और फोन के जरिये अकसर हमारी बातचीत होने लगी। कॉलेज के दिनों में वह मुझसे शादी करना चाहता था और मैं भी उसे पसंद करती थी, पर मेरे परिवार वालों ने ऐसा होने नहीं दिया। दस वर्षों के बाद उससे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। कभी-कभी उससे मिलने भी चली जाती हूं, पर यह सोचकर मुझे बहुत ग्लानि होती है कि मैं अपने पति को धोखा दे रही हूं। मैंने उसे कई बार समझाया कि हमें इस रिश्ते को यहीं ख्ात्म कर देना चाहिए, पर वह बार-बार मुझसे मिलने की कोशिश करता है। आप ही बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए?

एम. एन., नागपुर

आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि शादी से बाहर ख्ाुशियां ढूंढने की कोशिश में आपका परिवार बिखर सकता है। भावावेश में आकर ऐसे रिश्ते को सींचने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए, जिसका कोई भविष्य ही न हो। यह न भूलें कि आपके साथ तीन और जिंदगियां भी जुडी हैं। आपके लिए यही बेहतर होगा कि अपने परिवार की सुख-शांति के लिए इस रिश्ते को यहीं ख्ात्म कर दें। बेहतर यही होगा कि आप कुछ दिनों के लिए सोशल साइट से दूर रहें और अपना मोबाइल नंबर भी बदल लें। उस व्यक्ति से कोई संपर्क न रखें और उसे स्पष्ट शब्दों में मना कर दें कि आप उससे मिलना नहीं चाहतीं। हमें हमेशा वर्तमान में जीने की कोशिश करनी चाहिए। पति और बच्चों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं। इससे जल्द ही आपका जीवन सामान्य ढर्रे पर लौट आएगा।

मैं 27 वर्षीया विवाहिता हूं। मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं और अभी हमारी कोई संतान नहीं है। आजकल मेरे पति के व्यवहार में बहुत ज्य़ादा रूखापन दिखाई दे रहा है। मैंने कई बार उनसे कारण जानने की कोशिश की, पर वह मुझसे अपनी कोई बात शेयर नहीं करते। मैं उनके लिए बहुत चिंतित हूं। यह समस्या कैसे हल होगी?

के. जे., कोटा

जैसा कि आपके पत्र से यह मालूम हुआ कि अभी आपकी कोई संतान नहीं है। कहीं आपके पति के चिडचिडेपन की यही वजह तो नहीं है? अगर सचमुच ऐसा है तो अब आपको बच्चे के बारे में सोचना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो हो सकता है कि वह अपने ऑफिस की वजह से परेशान हों। ऐसी स्थिति में आपको थोडा धैर्य रखना चाहिए। आप अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की कोशिश करें। कभी पति को साथ लेकर रिश्तेदारों या दोस्तों के घर जाएं और कभी-कभी उन्हें भी अपने घर पर बुलाएं। इसी बहाने आप दोनों को करीब आने का मौका मिलेगा। अगर कभी आपके पति के व्यवहार में नाराजगी दिखाई दे तो भी आप ख्ाुद को संयत रखने की कोशिश करें। इससे उन्हें अपनी गलती का एहसास होने लगेगा। फिर वह ख्ाुद ही आपको अपनी परेशानी की असली वजह बताना चाहेंगे। इसके अलावा आप एक बार उनका कंप्लीट हेल्थ चेकअप भी कराएं। कई बार डायबिटीज या हाइ ब्लडप्रेशर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होने पर भी व्यक्ति के व्यवहार में चिडचिडापन दिखाई देता है। अगर आप इन बातों का ख्ायाल रखेंगी तो आपको जल्द ही अपने पति के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव नजर आएगा।

मैं 46 वर्षीया होममेकर हूं। मेरे दोनों बेटे पढाई के लिए शहर से बाहर चले गए हैं और पति अपने बिजनेस में व्यस्त रहते हैं। इस वजह से मुझे बहुत ज्य़ादा अकेलापन महसूस होता है। मैं ख्ाुद को व्यस्त रखने की पूरी कोशिश करती हूं, फिर भी उदासी मेरा पीछा नहीं छोडती। किसी से भी बातचीत करने की इच्छा नहीं होती। मुझे डर है कि कहीं मैं डिप्रेशन की मरीज न बन जाऊं। इस मनोदशा से बाहर कैसे निकलूं?

आर. एस., रायपुर

इस उम्र में हॉर्मोन संबंधी बदलाव की वजह से अकसर स्त्रियों को ऐसी समस्या का सामना करना पडता है। अपनी दिनचर्या व्यवस्थित करें। यह जानने की कोशिश करें कि किन बातों से आपको ख्ाुशी मिलती है। पहले आप परिवार की ख्ाुशियों के लिए व्यस्त रहती थीं, लेकिन अब अपने लिए व्यस्त रहना सीखें। अपने पसंदीदा काम करें। जैसे अपनी पसंद का संगीत सुनें, शॉपिंग करें, कभी सहेलियों के साथ फिल्म देखने जाएं तो कभी उन्हें अपने घर बुलाएं। यह नया बदलाव आपको हमेशा ख्ाुश रखेगा।

प्रचलित धारणा

मिडिल एज में अकसर स्त्रियों को अकेलेपन और उदासी का सामना करना पडता है।

एक्सपर्ट की राय : यह सच है कि पचास की उम्र के बाद स्त्रियों के शरीर में हॉर्मोन संबंधी बदलाव आ रहे होते हैं, बच्चे पढाई या जॉब की वजह से घर से दूर चले जाते हैं। इससे कभी-कभी कुछ स्त्रियों को ऐसी समस्या हो सकती है, पर यह जरूरी नहीं है कि हमेशा ऐसा ही हो। अगर जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया हो और हम ख्ाुद को अपनी रुचि से जुडे कार्यों में व्यस्त रखें तो ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। उम्र के हर दौर की अपनी अलग ख्ाूबसूरती होती है। मिडिल एज में स्त्रियों की घरेलू जिम्मेदारियां थोडी कम हो जाती हैं, ऐसे में उन्हें अपनी सेहत और ख्ाुशियों पर ध्यान देना चाहिए।

डॉ. जयंती दत्ता


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.