ऑफिस में भी रहती है खुशी
करियर में कामयाबी के लिए केवल कार्य-कुशलता काफी नहीं है बल्कि अपने प्रोफेशन के प्रति सकारात्मक नज़रिया रखते हुए तनावमुक्त होकर काम करने की आदत हमेशा फायदेमंद साबित होती है।
कभी न कभी एक ऐसा दौर जरूर आता है, जब अपने काम के प्रति उसके मन में नकारात्मक भावनाएं पैदा होने लगती हैं। बेवजह दूसरों से अपनी तुलना करके मन ही मन कुढऩे की आदत से न केवल व्यक्ति के परफॉर्मेंसमें गिरावट आती है, बल्कि उसकी सेहत और निजी जीवन पर भी इसका बुरा असर पडता है। इसलिए जब भी आपके मन में करियरके प्रति उदासीनता आने लगे तो सचेत तरीके से इस मनोदशा से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए।
पहचानें अपनी खामियां ऑफिस में काम बहुत ज्य़ादाहै, सबसे ज्यादा बोझ मुझ पर ही है, दूसरी कंपनियों में काम करने वाले मेरे दोस्तों की सैलरी कितनी अच्छी है और मैं...? ऐसे नकारात्मक विचारों का अंतहीनसिलसिला व्यक्ति को दिनोंदिन निराशा के गर्त में धकेल रहा होता है पर वह इस बात से बेखबरहोता है कि ऐसी सोच उसके लिए कितनी नुकसानदेह है। अगर आपके मन में भी कभी ऐसे खयालआते हों तो उन्हें दूर करने के लिए सबसे पहले तटस्थ होकर इस बात पर विचार करना चाहिए कि अपनी कार्यशैली में आपको कहां बदलाव लाने की जरूरत है और क्यों? अपनी कमजोरियों को पहचान कर उन्हें सुधारने की कोशिश में जरा भी संकोच न बरतें क्योंकि यहीं से सफलता की शुरुआत होती है।
जरूरी है लगाव जब व्यक्ति को अपने काम से लगाव होगा तभी उसे सच्ची खुशीमिलेगी। इसका सबसे सही तरीका यही है कि व्यक्ति अपनी रुचि से जुडे प्रोफेशन का चुनाव करे। अगर ऐसा संभव न हो तो अपने मौजूदा कार्य की बारीकियों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इससे व्यक्ति के मन में उस कार्य के प्रति सहज ढंग से दिलचस्पी पैदा होगी। काम को ड्यूटी समझने के बजाय अगर उसे अपनी आदत में शामिल कर लिया जाए तो उससे हमें सच्ची खुशी मिलेगी।
भावनाओं पर नियंत्रण आजकल करियरऔर मैनेजमेंट एक्सपर्ट सॉफ्टस्किल्सको काफी अहमियत देते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कार्य कुशलता के अलावा भावनात्मक संतुलन, हर तरह के लोगों के साथ सही तालमेल और बातचीत में शालीनता जैसे गुण भी व्यक्ति को कामयाबी दिलाने में मददगार होते हैं। तभी तो आजकल एमबीए के छात्रों को इंप्रेशनमैनेजमेंटकी ट्रेनिंग दी जाती है। इसके तहत उन्हें प्रतिकूल स्थितियों में भी अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखते रहते हुए कार्यस्थल पर संतुलित व्यवहार करना सिखाया जाता है।
अंत में, आपने अकसर लोगों को यह कहते सुना होगा कि खुशीके साथ किए जाने वाले हर काम का अंजाम हमेशा अच्छा ही होता है। इसीलिए अपने प्रोफेशन के प्रति पॉजिटिव सोच रखने वाले लोग ऑफिस में भी हमेशा खुशरहते हैं।