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मेवा खाओ सेहत बनाओ

भरपूर ऊर्जा और पोषक तत्वों के कारण हमेशा से ही हमारे खानपान में मेवों की अहमियत रही है। लेकिन कुछ लोग वजन बढ़ जाने के डर से इनके सेवन से बचते हैं। हाल ही में हुए एक शोध से साबित हो चुका है कि मेवे सेहत के लिए फायदेमंद हैं। सूखे मेवों का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो यह बहुत लाभ देते हैं। जानते हैं इन मेवों में कितना है दम।

By Edited By: Published: Fri, 02 Aug 2013 12:23 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2013 12:23 AM (IST)

अपने दादी-नानी के मुंह से यह जरूर सुना होगा कि मेवा खाओ सेहत बनाओ। जी हां मेवे का सेवन बरसों से सेहत बनाने के लिए होता रहा है। पर सेहत के प्रति सजग आज की पीढी मेवों का सेवन करने से थोडा परहेज करती है। लेकिन तंदुरुस्ती के लिए आहार में मेवे भी जरूरी हैं। इसलिए आधुनिक जीवनशैली में इनके सेवन के सही तरीकों का जानना जरूरी हो गया है। सेहत के लिहाज से कौन-कौन से मेवे उपयुक्त हैं और उनका कितनी मात्रा में सेवन करना लाभदायक होगा बता रही हैं सीनियर डाइटीशियन आर्ची भाटिया।

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क्यों हैं जरूरी

सूखे मेवों में एनर्जी और पोषक तत्वों के अलावा ओमेगा थ्री फैटी एसिड होते हैं। मस्तिष्क की रचना और विकास में ऐसे तत्वों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। आधुनिक शोध में पाया गया है कि मेवों में वसा बहुत ज्यादा होने के बावजूद ये हृदय रोग, ओबेसिटी, डायबिटीज, कैंसर और पार्किसंस जैसी कई गंभीर बीमारियों के जोखिम कम करने में मददगार होते हैं। प्रोटीन से भरपूर मेवों में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटमिंस और पोषक तत्वा प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनमें मौजूद ओमेगा थ्री फैटी एसिड बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल को कम करता है। मेवों को रोजाना आहार में शामिल किया जाए तो हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।

कितना खाएं

मेवे खाने के बाद पूरे दिन आपको अतिरिक्त कैलरी लेने की जरूरत नहीं पडती। आहार विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि प्रतिदिन मुट्ठी भर या एक तिहाई कप विभिन्न प्रकार के मेवे लेने से सेहत अच्छी रहती है। लेकिन सबकी मुट्ठी का आकार अलग होता है। इसके अलावा शारीरिक मेहनत वाली आधुनिक जीवनशैली में मेवों में मौजूद फैट्स को पूरी तरह पचा पाना कई लोगों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में एक दिन में मेवों के ज्यादा से ज्यादा 10 दाने खा सकते हैं। बादाम व किशमिश भिगोकर सुबह खाना अच्छा होता है। 2-3 अखरोट, 8-10 काजू और 8-10 पिस्ते को भूनकर खाना ठीक रहता है। लेकिन इन्हें तलना और नमक डालकर खाना ठीक नहीं। इससे उनके गुण नष्ट हो जाते हैं।

सावधानी बरतें

ज्यादातर मेवे गरम तासीर के होते हैं। इन्हें जरूरत से अधिक खाने से पाचन क्रिया भी बिगड सकती है। इसके सेवन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए, गरम-ठंडी तासीर का मेल सेहत के लिए अच्छा नहीं होता।

अखरोट

इसमें ओमेगा थ्री फै टी एसिड, फाइबर और विटमिंस भरपूर मात्रा में होते हैं। कैलरी कम और फाइबर अधिक होते हैं। यह ब्रेस्ट कैंसर के खतरों और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। लेकिन इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें। कई बार इसके अधिक सेवन से एलर्जी हो जाती है।

किशमिश/ अंजीर

इनमें ग्लूकोज, फ्रक्टोज, अमीनो एसिड, फॉस्फोरस, विटमिन बी कॉम्प्लेक्स और सैलेनियम होते हैं। यह दूध का अच्छा ऑप्शन है। एनिमिक लोगों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह खून बढाने में मदद करते हैं। यह आंखों, हड्डियों और दिल के लिए अच्छा है। लेकिन केमिकल्स से सुखाई गई या प्लास्टिक की थैलियों में पैक गीली किशमिश पर फंगस नुकसान करती है।

काजू

इसमें प्रोटीन, थियामिन, मैग्नीशियम, और हृदय के लिए उपयोगी फैट्स पाए जाते हैं। काजू टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों को रोकने में मददगार होता है। यह स्मरण शक्ति भी बढाता है। लेकिन काजू के अधिक सेवन से वजन बढता है। इसलिए इसकी संतुलित मात्रा ही काफी है।

पिस्ता

इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, बीटा कैरोटिन, विटमिन ई और भरपूर मिनरल्स पाए जाते हैं। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को हटाता है। हार्ट अटैक और स्ट्रोक, कैंसर आदि से बचाता है। लेकिन नमकीन पिस्ता खाने से बचें।

बादाम

यह फाइबर, प्रोटीन, फैट्स, विटमिंस और मिनरल का भंडार है। यह दिल, दिमाग, किडनी व लीवर के लिए बढिया होता है। हड्डियों को मजबूत बनाता है। रक्तचाप और ब्लड शुगर को संतुलित रखता है। पर इसका फाइबर कुछ लोग पचा नहीं पाते हैं। इसलिए शरीर की जरूरत के मुताबिक ही इसका सेवन करें।

सखी प्रतिनिधि


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