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हेल्थ वॉच

नींद न आने की समस्या को मामूली समझकर अनदेखा न करें क्योंकि इससे दिमाग के सिकुड़ने का खतरा हो सकता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार नींद दिमाग के हाउसकीपर की तरह उसकी मरम्मत का काम करती है। उन शोधकर्ताओं ने यह समझने की कोशिश की थी कि दिमाग के आकार और नी

By Edited By: Published: Mon, 03 Nov 2014 03:30 PM (IST)Updated: Mon, 03 Nov 2014 03:30 PM (IST)
हेल्थ वॉच

अनिद्रा से सिकुड सकता है दिमाग

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नींद न आने की समस्या को मामूली समझकर अनदेखा न करें क्योंकि इससे दिमाग के सिकुडने का खतरा हो सकता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार नींद दिमाग के हाउसकीपर की तरह उसकी मरम्मत का काम करती है। उन शोधकर्ताओं ने यह समझने की कोशिश की थी कि दिमाग के आकार और नींद से जुडी जटिलताओं के बीच क्या संबंध हैं।

अध्ययन में यह पाया गया कि नींद की जटिलताओं का संबंध तेजी से सिकुड रहे मस्तिष्क के आकार से है। साठ साल से अधिक उम्र के लोगों में ये नतीजे ज्यादा स्पष्ट नजर आए। अत: दिमाग की मजबूती के लिए रोजाना आठ घंटे की पर्याप्त नींद जरूरी है। अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि वे अपने खानपान की आदतों में बदलाव लाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। नींद संबंधी रोगों के विशेषज्ञ डॉ. सोहेर रॉक्ड की किताब द टायर्डनेस क्योर के अनुसार पोटैशियम, सेलेनियम और कैल्शियम से युक्त वस्तुएं स्लीप हॉर्मोन मेलाटोनिन और सेराटोनिन के उत्पादन को बढावा देती हैं। इससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है और व्यक्ति मीठी नींद सो पाता है।

डॉ. रोक्ड के अनुसार केला, दूध, अखरोट, बादाम के अलावा प्रॉन और सालमन फिश का सेवन अनिद्रा दूर करने में मददगार होता है। दरअसल इन चीजों में ट्रिप्टो फैन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में पहुंचकर स्लीपिंग हॉर्मोन सेराटोनिन में तब्दील हो जाता है। इसीलिए अगर आपको अनिद्रा की समस्या हो तो इन चीजों का सेवन नियमित रूप से करें।

पालक खाएं वजन घटाएं

अगर आप ओबेसिटी से परेशान हैं तो पालक को अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल करें। स्वीडन के वैज्ञानिकों ने पालक की पत्तियों में मौजूद थाइलॉकॉयड्स नामक तत्व को भूख घटाने में कारगर पाया है। उन्होंने दावा किया है कि पालक भूख में 43 प्रतिशत तक की कमी ला सकता है। इससे स्नैक्स और फास्ट फूड के सेवन की इच्छा 95 प्रतिशत तक घट सकती है। इससे न सिर्फ वजन नियंत्रित रहता है, बल्कि दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।

चीकू में छिपा है कैंसररोधी तत्व

कैंसर के खिलाफ जंग में चीकू बडा हथियार साबित हो सकता है। बंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के शोधकर्ताओं के अनुसार चीकू में मेथनॉलिक नामक फाइटो केमिकल पाया जाता है, जो ट्यूमर के अंदर एपोप्लॉसिस की प्रक्रिया को बढावा देने में कारगर होता है। इस प्रक्रिया में कैंसर कोशिकाएं अपने आप दम तोडने लगती हैं और ट्यूमर का आकार सिकुडता चला जाता है। प्रमुख शोधकर्ता सतीश राघवन के मुताबिक यह खोज कैंसर दूर करने वाली दवाएं बनाने में भी मददगार होगी। चूहों पर किए गए अध्ययन के अनुसार यह तत्व कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ काफी तेजी से काम करता है।

वेबकैम करेगा दिल की जांच

शोधकर्ताओं ने जांच की एक ऐसी अनोखी तकनीकी विकसित की है, जिससे घर बैठे दिल की बीमारियों के बारे में पता लगाना संभव होगा। इस तकनीक में वेबकैम के जरिये मरीज के चेहरे को स्कैन करके त्वचा के रंग में हुए बदलाव को जांचा जाता है। इस जांच में केवल 15 सेकंड लगते हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि इस तकनीक के जरिये कई मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। अमेरिका की रीचेस्टर यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन ने यह तकनीक विकसित की है। वैज्ञानिकों के मुताबिकइस जांच का इस्तेमाल हृदय गति में अनियमितता होने पर किया जाता है। इसे आर्टिअल फिब्रिलेशन कहते हैं। यह हार्टअटैक और अल्जाइमर जैसी समस्याओं का कारण बनता है। दिल के मरीजों के लिए बार-बार अस्पताल जाकर जांच करवाना मुश्किल होता है। इसके लिए भारी-भरकम मशीनों की जरूरत होती है, पर इस नई तकनीक में वेबकैम और एक सॉफ्टवेयर के जरिये यह जाना जा सकता है कि मरीज के दिल की धडकन सामान्य है या नहीं। शोधकर्ताओं के मुताबिकधडकन असामान्य होने पर चेहरे में रक्त का प्रवाह बिगड जाता है, जिससे त्वचा की रंगत में भी सूक्ष्म बदलाव नजर आता है।

किताबों से करें दोस्ती

अच्छी किताबों से केवल ज्ञान ही नहीं मिलता है, बल्कि पढने की आदत सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। अमेरिकी न्यूरो साइंटिस्ट बरोनेस सुजन ग्रीन फील्ड के मुताबिक सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस दौर में किताबें पढने की आदत दवा की तरह असर दिखा सकती है। कहानियों की किताबें पढने से बच्चों में एकाग्रता और सोचने की क्षमता बेहतर होती है क्योंकि हर कहानी में शुरुआत, मध्य भाग और अंत होता है। इससे मस्तिष्क क्रम, कारण, जुडाव, प्रभाव और असर के बारे में भी सोचता है। बचपन में जब मस्तिष्क इस तरह चलता है तो वह तेज हो जाता है। किताबें तनाव भी कम करती हैं, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर हो जाता है। इसके अलावा ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ स्यूसेक्स में किए गए अध्ययन के मुताबिक छह मिनट तक किताबें पढने से तनाव 75 प्रतिशत तक कम हो जाता है। यह असर टहलने और संगीत सुनने से कई गुना ज्यादा होता है। इसलिए चाहे कितनी ही व्यस्तता क्यों न हो रोजाना पढने के लिए समय जरूर निकालें।

अच्छी सेहत के लिए अपनाएं बागवानी

अगर आपको पेड-पौधों से लगाव है तो उनके साथ अपनी दोस्ती को और भी मजबूत बनाएं। बागवानी से न केवल आपके घर की खूबसूरती बढती है, बल्कि यह ब्लड शुगर, ब्लडप्रेशर और कालेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखता है। 1500 से अधिक युवाओं की सेहत पर बागवानी का असर आंकने के बाद सियोल स्थित कोंकुक और होंगिक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे। उनके अनुसार 45 मिनट की बागवानी से 30 मिनट की एरोबिक एक्सरसाइज जितनी कैलरी खर्च होती है। इसे ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाने, तनाव पर काबू पाने, अनिद्रा दूर करने और ब्लडप्रेशर नियंत्रित रखने में भी मददगार पाया गया। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को बागवानी से जुडे दस अलग-अलग काम सौंपे। जिनमें मिट्टी की खुदाई और उसमें खाद मिलाना, फल-सब्जियां बोना, उन्हें पानी देना, खर-पतवार की सफाई और पौधों की छंटाई जैसे कार्य शामिल थे। प्रत्येक प्रतिभागी को कैलरीमीटर पहनाया गया था, ताकि बागवानी के दौरान उस व्यक्ति द्वारा खर्च की गई कैलरी को मापा जा सके। इसके अलावा कार्य के दौरान प्रतिभागियों के ब्लडप्रेशर, हृदय गति और शरीर में ऑक्सीजन के स्तर पर भी नजर रखी गई। अध्ययन के पहले और बाद में प्रतिभागियों का ब्लड टेस्ट करके उनके शरीर में शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच की गई। सभी आंकडों का विश्लेषण करके वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि 45 मिनट की बागवानी से लगभग 400 कैलरी खर्च होती है, जो कि मध्यम गति की एरोबिक्स के असर के बराबर होती है। इसके अलावा पेड-पौधों के संपर्क में रहने पर मस्तिष्क से ऑक्सीटोन नामक हॉर्मोन का स्राव बढ जाता है, जो तनाव के स्तर को कम करता है। इसके अलावा पेड-पौधों की वजह से वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर सही बना रहता है और बच्चों के मन में स्वच्छ पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा होतीहै। तो फिर देर किस बात की! आज ही से पेड-पौधों से अपनी दोस्ती पक्की कर लें।


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