लौटाएं बालों की खूबसूरती..
बालों का गिरना आम समस्या है, लेकिन यह सिलसिला जारी रहा तो गंजापन आते देर नहीं लगती। गंजेपन की समस्या केवल पुरुषों को ही नहीं होती। एक शोध से यह पता चला है कि स्त्रियों में भी गंजेपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण खानपान में पोषक तत्वों की कमी, स्ट्रेस, प्रदूषण व हॉर्मोन असंतुलन हैं। अगर आप भी बालों के गिरने या कम होने की समस्या से जूझ रही हैं तो सखी द्वारा जुटाई गई एक्सपर्ट्स की सलाह पर गौर फरमाइए और लौटाइए अपने बालों की मुस्कुराहट।
शायद ये संख्या एक, दो, दस या पंद्रह हो। दुनिया भर की ऐसी अभिनेत्रियां हैं, जिन्होंने फिल्म की मांग के आधार पर अपना सिर गंजा कराया। हॉलीवुड की जाना-मानी अदाकारा डेमी मूर से लेकर बॉलीवुड की शबाना आजमी हों या फिर लीजा रे, हम उन्हें उनके गंजे सिर के साथ निभाए गए किरदारों के लिए आज तक जानते हैं। लेकिन वास्तविक जीवन में कई स्त्रियां बाल गिरने के कारण गंजेपन की समस्या का सामना कर रही हैं, जो हर स्त्री को नागवार गुजरता है। हलांकि यह समस्या आमतौर पर पुरुषों से जुडी मानी जाती है, लेकिन अब यह सिर्फ उनकी समस्या नहीं रह गई है। स्त्रियां भी इसका सामना कर रही हैं और उनमें इसकी वजह पुरुषों से भिन्न होती है।
स्त्रियों में गंजापन अकसर आनुवंशिक होता है, जिससे सिर में आगे की तरफ के बाल झडते हैं या फिर कम होने लगते हैं। इसकी शुरुआत सिर के आगे के हिस्से से होती है। हो सकता है कि कनपटी के पास बाल उतने न झडते हों। स्त्रियों में इसका परिणाम सिर के ऊपर के हिस्से में पूरी तरह गंजेपन के रूप में देखने को मिलता है। हेयर ट्रांस्प्लांट एक्सपर्ट और डॉक्टर स्त्रियों में गंजेपन की गंभीरता की पहचान लुडविग क्लासीफिकेशन ऑफ फीमेल पैटर्न बॉल्डनेस के आधार पर करते हैं। इस स्थिति में स्त्रियों में होने वाले गंजेपन को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है- सिर के बीच पार्टिग के आसपास बालों का कम गिरना, पार्टिग बरकरार रहते हुए सिर के बीच चांद के बालों का पूरी तरह झडना, इसमें बाल या तो कम या ज्यादा गिरते हैं और पार्टिग के आसपास के बाल भी कम होना शुरू हो जाते हैं।
गंजेपन के बहुत कारण हो सकते हैं। मसलन आनुवंशिकता, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, स्टेरॉइड्स या अधिक दवाइयों का सेवन करना, हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, स्ट्रेस, धूप-प्रदूषण। इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद जब एस्ट्रोजन स्तर गिरता है तो उसका सीधा असर बालों पर पडता है।
-आहार में पोषण की कमी, आयरन, प्रोटीन, बायोटीन, जिंक, विटमिन ए की कमी से बाल कमजोर होकर गिरने लगते हैं।
गंजापन कैसे होता है
विशेषज्ञ स्त्रियों में बाल गिरने और गंजेपन के कई कारण बताए जाते हैं। स्त्रियों में गंजेपन की शुरुआत किसी भी आयु से हो सकती है। दस की उम्र शुरू होने के साथ ही गंजेपन की शुरुआत हो सकती है। स्त्रियों के शरीर में गर्भावस्था के दौरान जो हॉर्मोन के बदलाव होते हैं उनकी वजह से भी बाल गिरने लगते हैं। कुछ मामलों में बीमारी के कारण बाल गिरते हैं और बाद में गंजेपन की स्थिति आ जाती है।
-कुछ स्त्रियों में पुरुष हॉर्मोन एंड्रोजन के प्रति संवेदनशीलता के कारण बाल गिरने लगते हैं। ऐसी स्त्रियां एंड्रोजेनिक एलोपीसिया की बीमारी से पीडित होती हैं।
-स्त्रियों में कई बार काफी अधिक मात्रा में बाल झडते हैं और इसका कोई तय स्वरूप नहीं होता है। इसकी वजह एलोपीसिया एरीटा हो सकती है, जो शरीर की प्रतिरोधकता से जुडी गडबडी है और इससे सिर में जगह-जगह से बाल झडते हैं।
-ट्राइंगुलर एलोपीसिया में कनपटी के आसपास बाल पूरी तरह झड जाते हैं। यह प्रक्रिया कई बार बचपन से शुरू हो जाती है।
-स्कारिंग एलोपीसिया में कई बार सिर पर घाव होने से बाल झडते हैं।
-टेलोजेन एफ्रलूवियम : इस तरह की समस्या में आमतौर हॉर्मोन, पोषण संबंधी समस्याओं, दवाओं के सेवन, दबाव या तनाव से शरीर में होने वाले बदलाव के कारण भारी संख्या में बाल झडने शुरू हो जाते हैं।
-ट्राइकोटिलोमेनिया : बालों को अधिक खींचने या उलझाकर घुमाने की प्रक्रिया में बाल झडने से यह समस्या होती है।
पौष्टिक आहार
बालों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए हम खानपान को नजरअंदाज नहीं कर सकते। जितना अच्छा खाएंगे उतनी ही अच्छी त्वचा और बाल होंगे।
डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट के मुताबिक बालों के गिरने और गंजेपन का एक बडा कारण पोषण की कमी है। बालों की अच्छी सेहत के लिए डाइट में प्रोटीन, मिनरल्स और विटमिंस युक्त चीजें शामिल करना जरूरी है। मलसन दूध, दालें, अंडे और हरी पत्तेदार सब्जियां।
फायदेमंद हेयर स्पा
प्रदूषण और तनाव के कारण सिर की त्वचा की नसें फूल जाती हैं, जिस कारण रक्त संचार पूरी तरह से हो नहीं पाता और इस कारण बालों को पोषण नहीं मिलता। हेयर स्पा में सिर की त्वचा से ब्लैक हेड्स हटाने और बंद छिद्रों को खोलने के लिए डीप क्लींजिंग, टोनिंग, मॉयस्चराइजिंग और कंडिशनिंग की जाती है, जिससे बालों को बॉडी, वॉल्यूम और मजबूती मिलती है। इसमें सिर की 10 मिनट तक मालिश की जाती है। हेयर स्पा से बंद फॉलिकल्स खुल जाते हैं और उन्हें दोबारा से पोषण मिलने लगता है। सिर की त्वचा की सफाई के बाद सीरम लगाया जाता है। सीरम कई तरह के आते हैं- रिवाइटलाइजिंग सीरम, एंटी डैंड्रफ सीरम, फ्लेकी हेयर सीरम। बालों की जरूरत और स्थिति के मुताबिक इनका इस्तेमाल किया जाता है।
उपयोगी घरेलू उपचार
-नीबू के बीज और काली मिर्च का पेस्ट बनाकर उस स्थान पर लगाएं जहां बाल नहीं हैं। इसे नियमित रूप से लगाने पर कुछ महीनों में अंतर जरूर नजर आएगा।
-मेथी दाना का पेस्ट बनाकर प्याज के रस में मिलाएं और सिर की त्वचा पर लगाएं। आधा घंटे बाद माइल्ड शैंपू से धो लें।
-बालों का गिरना थामने के लिए चुकंदर के पत्तों के रस में मेहंदी पाउडर मिलाकर सिर की त्वचा पर लगाएं। 2 घंटे बाद बाल धो लें।
घर पर करें हेयर स्पा
-नारियल को कस कर उसका दूध निकाल लें। फिर उसमें 2-3 बूंद नीबू का रस, 2 बूंद लैवेंडर ऑयल और 2 बूंद टीट्री ऑयल मिलाकर सिर की त्वचा और बालों पर लगाएं। 2-3 घंटे बाद ताजे पानी से धो लें।
-सूखे आंवले को नारियल के तेल में पका कर उससे सिर की मालिश करें। हाथों को गोलाई में घुमाते हुए मालिश करें ताकि रक्त संचार बढे और सिर की भीतरी त्वचा को पोषण मिल सके।
मालिश के बाद बालों में गर्म पानी में भीगी हुई तौलिया लपेटें। इसके बाद मेथी दाना और धनिया के पत्तों के पेस्ट में प्याज का रस मिलाकर सिर की त्वचा और बालों पर आधा घंटे लगाएं। उसके बाद किसी माइल्ड शैंपू से बालों को साफ करें। -सरसों के तेल में मेहंदी की पत्तियां उबाल कर रख लें। इससे सप्ताह में तीन बार सिर की मालिश करें। उसके बाद स्टीम लें। बालों को ठंडे पानी से धोने के बाद सिर की त्वचा को उंगलियों के पोर से हलके हाथों से रगडें। ऐसा करने से सेबेशियस ग्लैंड सक्रिय हो जाती हैं और रक्त संचार हेयर फॉलिकल तक अच्छे से पहुंच पाता है।
प्रोटीन ट्रीटमेंट
अंडे और नारियल के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन बालों की सतह की मरम्मत करता है। बाल प्रोटीन से बने होते हैं, जिसे केराटिन कहते हैं और इसकी कमी से वे कमजोर होकर गिरने लगते हैं। प्रोटीन की जरूरी मात्रा से ही बालों को मजबूती मिलती है। यानी बाहरी ट्रीटमेंट के साथ-साथ आहार में भी प्रोटीन और पौष्टिक तत्वों की भरपूर मात्रा होनी जरूरी है। दरअसल बालों में किए गए किसी भी प्रकार के केमिकल ट्रीटमेंट से 15-20 प्रतिशत तक प्राकृतिक प्रोटीन कम हो जाता है। प्रोटीन ट्रीटमेंट खोए हुए बालों को वापस लाने में कुछ खास मदद नहीं करता लेकिन पतले और कमजोर बालों को मजूबत बनाकर उन्हें बाउंसी इफेक्ट देता है। रूखे, कमजोर और उलझे बालों के लिए प्रोटीन केराटिन मास्क काफी फायदेमंद होता है और यह आसानी से बाजार में उपलब्ध भी हैं।
क्या न करें
-हेयर स्प्रे, हेयर जेल और स्टाइलिंग क्रीम में नुकसानेदह केमिकल्स होते हैं, जो सिर की त्वचा को रूखा बनाकर बालों को कमजोर कर देते हैं। इसलिए जहां तक हो सके इनसे दूर रहें। इसके अलावा हेयर ट्रीटमेंट मसलन-पर्मिग, कलरिंग और स्ट्रेटनिंग भी बालों को नुकसान पहुंचाते हैं।
-एक ही िकस्म के शैंपू को लगातार कई साल तक इस्तेमाल करती न रहें, छह महीने बाद शैंपू बदल कर जरूर देखें।
-सीधी धूप, प्रदूषण, बारिश का पानी और धूल-मिट्टी बालों की जडों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए इनसे बचने के उपाय अपनाएं।
-लो कैलरी लिक्विड डाइट से बचें।
क्या खाएं
ब्राउन राइस, ओट्स, मीठा चावल, गाजर, अदरक, शलगम, प्याज और कुम्हडा, ब्लैक बींस, काली मिर्च, साबुत अनाज, मेवे और हरी पत्तेदार सब्जियां।
क्या न खाएं
ठंडी तासीर वाली चीजें और पेय पदार्थ, अधिक मीठा, फैटी फूड, एनिमल प्रोटीन कच्चा सैलेड, टमाटर।
7 खास आहार बालों के लिए
1. गाजर
यह सिर्फ आंखों के लिए ही उपयोगी नहीं, बल्कि इसमें मौजूद विटमिन ए सिर की त्वचा को पोषण देने में सहायक होता है। यह बालों की कंडिशनिंग भी करती है। इसके अलावा आहार में लीन प्रोटीन का संतुलन, फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फैटी फिश भी शामिल करें।
2. प्रूंस
अगर बाल रूखे, पतले, बेजान, कमजोर हैं तो आयरन युक्त चीजें अपने आहार में शामिल करें। इसलिए अपनी डाइट में प्रूंस, पर्याप्त हरी सब्जियां और चुकंदर जरूर शामिल करें।
3. हरी मटर
हालांकि मटर में बहुत अधिक एंटीऑक्सीडेंट या कोई खास विटमिंस या मिनरल्स नहीं होते, लेकिन इसमें विटमिंस और मिनरल्स का अद्भुत संतुलन होता है मसलन आयरन, जिंक और बी ग्रुप विटमिंस यह बालों की सेहत की अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं।
4. ओट्स
इसमें फाइबर के अलावा जरूरी पौष्टिक तत्व जैसे आयरन, जिंक और ओमेगा 6 फैटी एसिड (प्यूफा) होते हैं, जो बालों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए ब्रेकफस्ट में एक बोल ओटमील जरूर शामिल करें।
5. श्रिंप
जो लोग प्रोटीन का विशेष श्चोत रेड मीट से बचना चाहते हैं उनके लिए श्रिंप अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटमिन बी 12, आयरन, जिंक और ऐसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों का गिरना रोकते हैं।
6. अखरोट
ओट्स और अखरोट बालों के लिए बहुत अच्छे फूड हैं। अखरोट में ओमेगा 6 फैटी एसिड के अलावा जिंक, आयरन, विटमिन बी1, बी6 और बी9 भी होते हैं। इसमें प्रोटीन भी होता है, जो बालों को मजबूती प्रदान करता है।
7. अंडा
प्रोटीन, विटमिन बी 12, आयरन, जिंक व ओमेगा6 फैटी एसिड से युक्त अंडा बालों के लिए वरदान है। यह बायोटिन का अच्छा श्चोत है, जो बालों का गिरना कम करता है, उन्हें बॉडी देता है।
(हेयर ट्रांस्प्लांट सर्जन डॉ. अरविंद पोसवाल, हेयर एंड ब्यूटी एक्सपर्ट डॉ. ब्लॉसम कोचर और चीफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स हेड डॉ. रूपाली दत्ता से बातचीत पर आधारित)
इला श्रीवास्तव