खिली त्वचा और मुस्कराते बाल
रिमझिम फुहारें और बारिश का मौसम अच्छा तो बहुत लगता है, लेकिन नमी और हवा के दबाव के कारण उमस बढ़ जाती है। उमस भरे दिन त्वचा और बालों की ़कुदरती चमक छीन कर उसे बेजान बना देते हैं। इस मौसम में त्वचा व बालों संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों से बचने के लिए आप क्या करें, बता रही हैं, डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. किरण लोहिया और डॉ. सिरिशा सिंह।
मानसून में पसीने और चिपचिपाहट के कारण बॉडी में रैशेज पड जाते हैं। यह आम समस्या है। ऐसा अकसर स्विमिंग पूल में नहाने से होता है। खासतौर पर जहां का पानी बदला नहीं जाता। ध्यान रखें कि आप अपने शरीर को सूखा रखें। दिन में कम से कम दो बार शॉवर लें। घर से निकलते समय पाउडर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा बारिश के इस मौसम का पूरा मजा लेने के लिए अपनी त्वचा और बालों को कैसे तैयार करें सखी के साथ जानें।
सफाई के तीन कदम
एक बेहतरीन स्किन क्लींजिंग रजीम त्वचा की सेहत के लिए बहुत जरूरी है। ऐसा करने से असमय झुर्रियों से भी बचा जा सकता है। इन तीन स्टेप्स को अपनाकर आप त्वचा को हरदम तरोताजा और चमकदार बनाए रख सकती हैं- क्लींजिंग, टोनिंग और मॉयस्चराइजिंग। रूखी से सामान्य त्वचा के लिए सोप फ्री पीएच न्यूट्रल क्लींजर और ऑयली व एक्ने युक्त त्वचा के लिए सैलिसाइलिक एसिड युक्त क्लींजर का इस्तेमाल करें। एक्ने युक्त त्वचा पर बार-बार क्लींजर का प्रयोग न करें। ऐसा करने से एलर्जी भी हो सकती है। एक बार सुबह और दोबारा शाम को क्लींजर से चेहरा साफ करना पर्याप्त है। चेहरे की अतिरिक्त चिकनाई और चिपचिपाहट हटाने के लिए हलका गुनगुना या ठंडा पानी ठीक रहता है। इसके बाद टोनर लगाना न भूलें। सामान्य से रूखी त्वचा के लिए दिन में एक बार टोनर लगाना पर्याप्त होता है। लेकिन ऑयली त्वचा पर दिन में दो बार टोनर इस्तेमाल जरूर करें। वातावरण में नमी के कारण तेल ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं। ऐसे में एलोवेरा और विटमिंसयुक्त लाइट मॉयस्चराइजर लगाएं। ताकि पसीने के कारण चिपचिपापन न हो।
लें डॉक्टर की सलाह
किसी अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लेकर क्रीम का इस्तेमाल करें। एजिंग से बचने लिए आपके लिए कौन सी क्रीम उपयुक्त रहेगी डॉक्टर से यह जान लें।
झुर्रियों से बचने के लिए रेटिनॉइड्स और अल्फा हाइड्रॉक्सिल एसिडयुक्त क्रीम आपके लिए सही रहेगी या नहीं इसकी पूछतांछ डर्मेटोलॉजिस्ट से जरूर कर लें।
त्वचा को स्टरलाइज करें
वातावरण में अतिरिक्त नमी के कारण फंगल इन्फेक्शन और त्वचा पर रैशेज पड जाते हैं। ऐसे में बॉडी को जहां तक संभव हो सूखा रखें। शॉवर लेने के बाद त्वचा को अच्छी तरह सुखा लें। ढीले और सूती या लिनेन के कपडे पहनें, जिससे हवा त्वचा तक पहुंच सके। यह रुटीन रात में भी जरूरी है। ढीले नाइटवेयर पहनें ताकि शरीर से पसीना न निकले। पैर के पंजों, उंगलियों के बीच, गर्दन और अंडरआर्म्स पर एंटी फंगलयुक्त डस्टिंग पाउडर लगाएं।
एसपीएफ सुरक्षा
कभी बारिश तो कभी तीखी धूप के कारण यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में यूवी किरणों से त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए नॉन ग्रीसी सनस्क्रीन लगाएं। इस मौसम में कम से कम तीन बार सनसक्रीन जरूर लगाएं, क्योंकि पसीने के कारण चेहरा बार-बार पोंछने से सनस्क्रीन निकल जाती है। ऐसे में त्वचा को पूरी सुरक्षा नहीं मिल पाती। बेहतर होगा कि एसपीएफ 30 युक्त जेल बेस्ड (युक्त) सनस्क्रीन लगाएं। उसके बाद कॉम्पैक्ट या ट्रांस्लूसेंट पाउडर का इस्तेमाल करें। कॉम्पैक्ट लगाने से मैट फिनिश लुक मिलेगा। पसीना भी नहीं आएगा।
मृत त्वचा हटाएं
सप्ताह में दो बार स्क्रब और एक्सफोलिएट का इस्तेमाल करें। ताकि मृत त्वचा निकल जाए और त्वचा का रक्त-संचार बढे। ऐसा करने से त्वचा पुनर्जीवित और चमकदार हो जाएगी।
घरेलू मास्क
अतिरिक्त पसीने के कारण त्वचा चिपचिपी और खुरदरी सी हो जाती है। इससे बचने के लिए घर पर मास्क बनाकर लगाएं- मुलतानी मिट्टी का मास्क त्वचा की भीतरी सफाई करेगा और उसके नर्म मुलायम बनाने में मदद भी करेगा। त्वचा को ठंडक और ताजगी का एहसास दिलाने के लिए 1 टेबलस्पून चंदन पाउडर में 1 टेबलस्पून बेसन और 2 टेबल स्पून गुलाबजल मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इसे चेहरे पर 15-20 मिनट तक लगाएं। फिर ठंडे पानी से धो लें। चंदन पाउडर त्वचा से टैनिंग हटाने में मदद करेगा। बेसन त्वचा डीप क्लीजिंग करेगा। यह पैक एक्सफोलिएशन का भी काम करेगा।
नमी बनाए रखें
हमारे शरीर को दिन भर में कम से कम दो लीटर पानी की जरूरत होती है। इस मौसम में पसीना अधिक निकलने के कारण शरीर में पानी की जरूरत बढ जाती है। इसलिए 2 लीटर पानी के साथ कुछ अन्य पेय पदार्थ जरूर पीती रहें ताकि बॉडी में नमी का संतुलन बना रहे। नीबू पानी या नारियल पानी काफी मदद करेंगे।
साथ ही ताजे फलों का रस और सब्जियों का पर्याप्त मात्रा में इस्तेमाल करें। आप खुद ही फर्क महसूस करेंगी। पसीना निकलने पर बॉडी में नमक की कमी भी होती है, जिसकी कमी नारियल पानी, फल-सब्जियां पूरी कर देंगे।
डाइट में भरें रंग
रंगीन फल और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं जो यूवी किरणों से त्वचा को हुए नुकसान से बचाते हैं और फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स पैदा करते हैं। इसलिए अपने आहार में रंगीन फल-सब्जियों की मात्रा बढाएं।
ग्लो के लिए वर्कआउट
सेहत और सौंदर्य दोनों के लिए नियमित एक्सरसाइज और शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहना फायदेमंद होता है। दिन में 45 मिनट या इससे अधिक ब्रिस्क एक्सरसाइज से शरीर में मौजूद गुड हॉर्मोंस सक्रिय हो जाते हैं, जिससे त्वचा पर चमक साफ नजर आती है।
बालों का रखें खयाल
मानसून में बाल सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। ऐसे में उनकी खास देखभाल करें। बालों को चमकदार और मजबूत बनके के लिए यह उपाय अपनाएं-
चुनें सही शैंपू
इस मौसम में शैंपू नियमित रूप से करने की अनिवार्यता बढ जाती है। लेकिन यह धारणा गलत है कि राज शैंपू करने से बाल गिरने लगते हैं। शैंपू करने से सिर की त्वचा की सफाई होती है और रक्त का संचार बढ जाता है। नमी युक्त मौसम में बालों की जडों में तेल और नमी एकत्र हो जाती है, जिससे धूल और मिट्टी सिर की त्वचा पर जम जाती है। इस तरह सिर की त्वचा का छिद्र बंद हो जाते हैं और जब ऑक्सीजन बालों की जडों तक पूरी तरह नहीं पहुंचती तो बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं। ऐसे में नियमित शैंपू करना बहुत जरूरी होता है। रूखे बालों के लिए माइल्ड क्रीमयुक्त शैंपू के साथ माइल्ड कंडिशनर का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह सिर की त्वचा और फॉलिकल्स को हाइड्रेट रखेगा और बालों को नर्म व चमकदार बनाएगा। इसी तरह तैलीय बालों के लिए जेलयुक्त शैंपू और नैचरल कंडिशनर (जैसे बियर शैंपू) का इस्तेमाल करें। बारिश के मौसम में बाल अधिक गिरते हैं ऐसे में त्वचा रोग विशेषज्ञ द्वारा बताए गए शैंपू का ही इस्तेमाल करें।
हेयर स्पा
दो सप्ताह में कम से कम एक बार हेयर स्पा जरूर लें। इससे इंटेंस कंडिशनिंग होती है। इसके अलावा सप्ताह में एक बार घरेलू हेयर मास्क लगाएं। इससे बालों को पोषण मिलेगा।
कंडिशनिंग
इस मौसम में बाल तजी से नम होने लगते हैं। ऐसे में एक अच्छे कंडिशनर का इस्तेमाल करना जरूरी है। शैंपू करने के बाद बालों को थपथपाकर हलका पोंछ लें। फिर माइल्ड कंडिशनर की कुछ मात्रा हथेली पर लेकर बालों के सिरों पर अच्छी तरह लगाएं। 3-4 मिनट बाद साफ पानी से धो लें।
तेल मालिश
सप्ताह में एक बार कोकोनट या ऑलिव ऑयल से सिर की हलके हाथों से मालिश करें। इससे आराम के साथ बालों को पोषण मिलेगा और सिर की त्वचा का रक्त संचार बढने से बाल मजबूत बनेंगे। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इसके बाद जब शैंपू करें तो बालों से तेल और शैंपू अच्छी तरह निकल जाएं। क्योंकि तेलयुक्त बाल में गंदगी और प्रदूषण जल्दी जमा होकर बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस मौसम में कोकोनट और ऑलिव ऑयल मुफीद होते हैं, क्योंकि ये चिपचिपे नहीं होते।
हेयर स्टाइलिंग से करें परहेज
मूस, जेल और हेयर स्प्रे के इस्तेमाल से बचें। यह बालों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इस मौसम में सिर की त्वचा पर अतिरिक्त नमी होने के कारण बालों के जल्दी टूटने का चांस रहता है। ऐसे में अगर हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स का प्रयोग किया जाए तो बालों का गिरना बढ जाएगा।
अच्छा खाएं स्वस्थ रहें त्वचा की तरह बाल भी आपके खानपान से प्रभावित होते हैं। प्रोटीन और आवश्यक फैटी एसिड्स (मछली, अंडा, चना और साबुत अनाज आदि) से युक्त आहार न सिर्फ बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाते हैं, बल्कि बालों की लंबाई बढाने के साथ-साथ उन्हें जड से मजबूत बनाते हैं।
इला श्रीवास्तव