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ब्यूटी @ 40 : इस उम्र में रहें फिट & फाइन

उम्र के साथ हेल्थ और फिटनेस पर ध्यान न दिया जाए तो बीमार होते देर नहीं लगती। 40+ में अपनी डाइट और फिटनेस का विशेष ध्यान तो रखें ही, पुराने मेकअप रूल्स भी बदल डालें।

By Edited By: Published: Mon, 08 Aug 2016 12:23 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2016 12:23 PM (IST)
देखा गया है कि चालीस की उम्र में स्त्रियों में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ जाता है। अगर आपको लग रहा है कि आप शारीरिक रूप से बिलकुल फिट हैं, तब भी यह जरूरी है कि अपनी हेल्थ को क्रॉस चेक करें और डॉक्टर से परामर्श कर जरूरी जांच कराएं। उसी के अनुसार अपने खानपान और फिटनेस का ध्यान रखें। वजन बढऩा 40 की उम्र ऐसा पडाव है, जब स्त्री के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस उम्र में मेनोपॉज के बाद कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे चिडचिडापन, थकान, वजन बढऩा, लगातार खाते रहने की चाहत। हालांकि यह समस्या सभी स्त्रियों में एक जैसी नहीं होती है। डाइट : ऐसे में डाइट में प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट को शामिल करना चाहिए। नैचरल ऑयल प्रदान करने वाले मूंगफली, अखरोट और पंपकिन सीड्स लें और शुगर को पूरी तरह से न कर दें। फिटनेस : वजन की समस्या को योग या फिर मिक्स्ड एक्सरसाइज के जरिये आसानी से दूर किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर इस उम्र में ब्लड प्रेशर का खतरा बढ जाता है। यदि आपको लगे कि आपका ब्लड प्रेशर सामान्य है, तब भी नियमित रूप से इसकी जांच करानी चाहिए। अगर आपको डायबिटीज, हृदय रोग या किडनी से संबंधित कोई समस्या है, तब यह और भी जरूरी हो जाता है। जब स्त्रियां अपने खानपान पर ध्यान नहीं देतीं तो बीपी बढऩे की पूरी संभावना होती है। डाइट : इस उम्र में ओमेगा-थ्री फैटी एसिड से युक्त आहार का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ हृदय की अनियमित गति को भी ठीक करने में मददगार होता है। फिटनेस : एक स्टडी के अनुसार सिल्वर योग ब्लड प्रेशर की समस्या को कम करता है। अगर आप किसी भी कारण योग नहींकर पा रही हैं तो सुबह कम से कम 45 मिनट वॉक करें। वॉक करते वक्त ध्यान रखें कि पहले 10 मिनट वॉर्मअप करें...मतलब नॉर्मल गति से चलें। इसके बाद अगले 20 मिनट तेज गति से चलें और फिर अपनी गति को मध्यम कर 10 मिनट तक चलें। रोजाना 40-45 मिनट वॉक करें। अगर आप सुबह वॉक नहींकर पाईं तो रात को डिनर के 1 घंटे बाद वॉक करनी चाहिए। कोलेस्ट्रॉल ब्लड प्रेशर के साथ-साथ स्त्रियों में कोलेस्ट्रॉल की भी समस्या हो जाती है। 40 या उससे अधिक उम्र की स्त्रियों को हर पांच साल में कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर करानी चाहिए। कुछ स्टडीज से यह पता चला है कि कभी-कभी एचडीएल या अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी टाइप-1 मधुमेह से पीडित महिलाओं के हृदय रोग के खतरे को बढा सकता है। डाइट : उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, जौ, गेहूं ,फल और सब्जियों में फाइबर होता है जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। फिटनेस : हफ्ते में पांच दिन 30 से 40 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करें और अपने लिपिड प्रोफाइल को मॉनिटर करें। डायबिटीज डायबिटीज अपने आप में एक गंभीर समस्या है। अगर शुरुआती अवस्था में इसका पता चल जाता है तो इसे नियंत्रित करना आसान हो जाता है। अगर सही समय पर इसका पता न चले तो स्त्रियों में हृदय रोग, किडनी व आंखों से संबंधित समस्याओं की आशंका बढ जाती है। इसलिए स्त्रियों को साल में कम से कम एक बार डायबिटीज की जांच जरूर करानी चाहिए। डाइट : डायबिटीज में फाइबर डाइट का बडा महत्व होता है। यह शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। इसलिए गेहूं, ब्राउन राइस या व्हीट ब्रेड आदि को अपनी डाइट में शामिल करें, साथ ही ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। उच्च प्रोटीन डाइट लें और खूब पानी पिएं। फिटनेस : व्यायाम करने से शरीर में रक्तसंचार सुचारु रहता है। इससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, मेटाबॉलिज्म संतुलित रहता है और मधुमेह का खतरा कम होता है। वैसे मधुमेह के मरीजों को कई तरह के व्यायाम करने चाहिए। कभी योग करें, कभी कार्डियो और कभी वेट लिफ्टिंग। हमेशा एक तरह से एक्सरसाइज न करें। हफ्ते में कम से कम 160 मिनट तक एक्सरसाइज करें। इस रूटीन में जरा भी चूक नहीं करनी चाहिए। ऑस्टियोपोरोसिस ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षण सामान्य तौर पर जल्दी दिखाई नहीं देते। इसके कारण मरीज की 'बोन मास' व 'बोन टिश्यू' निरंतर कम होती रहती है। इससे हड्डियों के फ्रैक्चर की आशंका बढ जाती है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की गणना के अनुसार भारत में हर तीसरी स्त्री को मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका बढ जाती है। सही जानकारी न होने से स्त्रियां इससे अनजान होती हैं। इसके लिए जरूरी है कि पीरियड्स (मेनोपॉज) बंद होने के बाद सभी जरूरी जांच अवश्य करवाएं ताकि ऑस्टियोपोरोसिस से बचा जा सके। डाइट : इस उम्र में कैल्शियम का खास खयाल रखें। प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम वसा-रहित एवं नॉनफैट डेयरी उत्पादों का सेवन करें। सोयाबीन का सेवन भी फायदेमंद होगा। फिटनेस : ऑस्टियोपोरोसिस में स्विमिंग और वार्म-वॉटर एक्सरसाइज फायदा पहुंचाती है। स्विमिंग से ऑस्टियोपोरोसिस के दर्द में कमी आती है और मोबिलिटी को बूस्ट होने में मदद मिलती है। संगीता सिंह ध्यान रखें 40 के बाद स्त्रियों की जिंदगी का वो दौर होता है जब वे मेनोपॉज से गुजर रही होती हैं। इस दौर में वजऩ बढऩा, डिप्रेशन होना मामूली है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि डाइट में अगर वेजटेरियन हैं तो प्लांट प्रोटीन और नॉन वेजटेरियन हैं, तो मछली, मीट का सेवन करें। साथ में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट लें। शुगर से पूरी तरह से दूरी बना लें। क्योंकि शुगर इस उम्र में शरीर को सुस्त कर सकता है। सर्वाइकल कैंसर सर्वाइकल कैंसर के विकसित होने की सबसे ज्य़ादा संभावना 40 से 50 वर्ष के दौरान होती है। अगर सर्वाइकल कैंसर के बारे में जल्द ही पता चल जाए तो इसका इलाज भी संभव है और इसके लक्षण सात से दस साल तक सामान्य ही नजर आ सकते हैं इसलिए जांच करवाना जरूरी है। पैप स्मीयर टेस्ट के दौरान सर्वाइकल कैंसर की असामान्य कोशिकाओं का आसानी से पता लगाया जा सकता है। (डॉ. मेघा जैना, न्यूट्रिशनिस्ट, बीएल कपूर हॉस्पिटल और डॉ उर्वशी, गाइनी, फोर्टिस हॉस्पिटल से बातचीत पर आधारित)

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