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लघुकथा: शादी की वजह

औरत और मर्द को प्रकृत्या एक-दूसरे की जरूरत होती है लेकिन मौजूदा हालत में आम तौर पर शादी की यह सच्ची वजह नही होती बल्कि शादी सभ्य जीवन की एक रस्म-सी हो गई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 11:55 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 11:59 AM (IST)

यह सवाल टेढ़ा है कि लोग शादी क्यों करते है? औरत और मर्द को प्रकृत्या एक-दूसरे की जरूरत होती है लेकिन मौजूदा हालत में आम तौर पर शादी की यह सच्ची वजह नही होती बल्कि शादी सभ्य जीवन की एक रस्म-सी हो गई है। बहरलहाल, मैंने अक्सर शादीशुदा लोगों से इस बारे मे पूछा तो लोगों ने इतनी तरह के जवाब दिए कि मै दंग रह गया। उन जवाबों को पाठकों के मनोरंजन के लिए नीचे लिखा जाता है— एकसाहब का तो बयान है कि मेरी शादी बिल्कुल कमसिनी में हुई और उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह मेरे मां-बाप पर है। दूसरे साहब को अपनी खूबसूरती पर बड़ा नाज है। उनका ख्याल है कि उनकी शादी उनके सुन्दर रूप की बदौलत हुई। तीसरे साहब फरमाते है कि मेरे पड़ोस में एक मुंशी साहब रहते थे जिनके एक ही लड़की थी। मैंने सहानुभूतिवश खुद ही बातचीत करके शादी कर ली। एक साहब को अपने उत्तराधिकारी के रूप में एक लड़के के जरूरत थी। आपने इसी धुन में शादी कर ली। मगर बदकिस्मती से अब तक उनकी सात लड़कियां हो चुकी है और लड़के का कही पता नही। आप कहते है कि मेरा ख्याल है कि यह शरारत मेरी बीवी की है जो मुझे इस तरह कुढ़ाना चाहती है। एक साहब बड़े पैसे वाले है और उनको अपनी दौलत खर्च करने का कोई तरीका ही मालूम न था इसलिए उन्होंने अपनी शादी कर ली। एक और साहब कहते है कि मेरे आत्मीय और स्वजन हर वक्त मुझे घेरे रहा करते थे इसलिए मंैने शादी कर ली। और इसका नतीजा यह हुआ कि अब मुझे शान्ति है। अब मेरे यहां कोई नही आता। एक साहब तमाम उम्र दूसरों की शादी-ब्याह पर व्यवहार और भेंट देते-देते परेशान हो गए तो आपने उनकी वापसी की गरज से आखिरकार खुद अपनी शादी कर ली। और साहबों से जो मैंनेदर्याफ्त किया तो उन्होंने निम्नलिखित कारण बतलाये। यह जवाब उन्हीं के शब्दों मे नम्बरवार नीचे दर्ज किए जाते है—

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-मेरे ससुर एक दौलतमंद आदमी थे और उनकी यह इकलौती बेटी थी इसलिए मेरे पिता ने शादी की।

-मेरे बाप-दादा सभी शादी करते चले आए है इसलिए मुझे भी शादी करनी पड़ी।

-मैं हमेशा से खामोश और कम बोलने वाला रहा हूं, इनकार न कर सका।

-मेरे ससुर ने शुरू में अपने धन-दौलत का बहुत प्रदर्शन किया इसलिए मेरे मां-बाप ने फौरन मेरी शादी मंजूर कर ली।

-नौकर अच्छे नही मिलते थे और अगर मिलते भी थे तो ठहरते नही थे। खास तौर पर खाना पकानेवाला अच्छा नही मिलता। शादी के बाद इस मुसीबत से छुटकारा मिल गया।

-मैं अपना जीवन-बीमा कराना चाहता था और खानापूरी के वास्ते विधवा का नाम लिखना जरूरी था।

-मेरी शादी जिद में हुई। मेरे ससुर शादी के लिए रजामन्द न होते थे मगर मेरे पिता को जिद हो गई। इसलिए मेरी शादी हुई। आखिरकार मेरे ससुर को मेरी शादी करनी ही पड़ी।

-मेरे ससुरालवाले बड़े ऊंचे खानदान के है इसलिए मेरे माता-पिता ने कोशिश करके मेरी शादी की।

-मेरी शिक्षा की कोई उचित व्यवस्था न थी इसलिए मुझे शादी करनी पड़ी।

-मेरे और मेरी बीवी के जनम के पहले ही हम दोनों के मां-बाप शादी की बातचीत पक्की हो गई थी।

-लोगो के आग्रह से पिता ने शादी कर दी।

-नस्ल और खानदान चलाने के लिए शादी की।

-मेरी मां को देहान्त हो गया था और कोई घर को देखने वाला न था इसलिए मजबूरन शादी करनी पड़ी।

-मेरी बहने अकेली थी, इस वास्ते शादी कर ली।

-मैं अकेला था, दफ्तर जाते वक्त मकान में ताला लगाना पड़ता था इसलिए शादी कर ली।

-मेरी मां ने कसम दिलाई थी इसलिए शादी की।

-मेरी पहली बीवी की औलाद को परवरिश की जरूरत थी, इसलिए शादी की।

-मेरी मां का ख्याल था कि वह जल्द मरने वाली है और मेरी शादी अपने ही सामने कर देना चाहती थी, इसलिए मेरी शादी हो गई। लेकिन शादी को दस साल हो रहे है भगवान की दया से मां के आशीष की छाया अभी तक कायम है।

-तलाक देने को जी चाहता था इसलिए शादी की।

-मैं मरीज रहता हूं और कोई तीमारदार नही है इसलिए मैंने शादी कर ली।

-केवल संयोग से मेरा विवाह हो गया।

-जिस साल मेरी शादी हुई उस साल बहुत बड़ी सहालग थी। सबकी शादी होती थी, मेरी भी हो गई।

-बिना शादी के कोई अपना हाल पूछने वाला न था।

-मैंने शादी नही की है, एक आफत मोल ले ली है।

-पैसे वाले चचा की अवज्ञा न कर सका।

-मंै बुडढा होने लगा था, अगर अब न करता तो कब करता।

-लोकहित के ख्याल से शादी की।

-पड़ोसी बुरा समझते थे इसलिए निकाह कर लिया।

-डॉक्टरों ने शादी केलिए मजबूर किया।

-मेरी कविताओं को कोई दाद न देता था।

-मेरी दांत गिरने लगे थे और बाल सफेद हो गए थे इसलिए शादी कर ली।

-फौज में शादीशुदा लोगों को तनख्वाह ज्यादा मिलती थी इसलिए मैंने भी शादी कर ली।

कोई मेरा गुस्सा बर्दाश्त न करता था इसलिए मैंने शादी कर ली।

-बीवी से ज्यादा कोई अपना समर्थक नही होता इसलिए मैंने शादी कर ली।

-मैं खुद हैरान हूं कि शादी क्यों की।

-शादी भाग्य में लिखी थी इसलिए कर ली।

इसी तरह जितने मुंह उतनी बातें सुनने में आयी।

मुंशी प्रेमचंद

साभार (wikisource.org)


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