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जानिए, कैसे बनाएं शादी के बाद अपना करियर

इंजीनियरिंग कंप्लीट करके कनिका पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर एपॉइंट हो गई। जब पैरेंट्स ने उनसे शादी करने को कहा तो एक बारगी कनिका को लगा कि कुछ दिन कॅरियर में सेटल हो जाऊं फिर शादी करूंगी, लेकिन जब उनके लिए एक एजुकेटेड फैमिली के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर लड़के का रिश्ता आया तो पैरेंट्स ने सह

By Edited By: Published: Sat, 01 Feb 2014 11:12 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2014 11:12 AM (IST)
जानिए, कैसे बनाएं शादी के बाद अपना करियर

इंजीनियरिंग कंप्लीट करके कनिका पीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर की पोस्ट पर एपॉइंट हो गई। जब पैरेंट्स ने उनसे शादी करने को कहा तो एक बारगी कनिका को लगा कि कुछ दिन कॅरियर में सेटल हो जाऊं फिर शादी करूंगी, लेकिन जब उनके लिए एक एजुकेटेड फैमिली के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर लड़के का रिश्ता आया तो पैरेंट्स ने सही सोच के साथ फैसला लेने को कहा। कनिका ने अपना डिसीजन रिव्यू किया। पैरेंट्स की बात ठीक लगी तो शादी करने का फैसला कर लिया, लेकिन यह आशंका मन में जरूर थी कि कहीं शादी उनके कॅरियर में रुकावट न बन जाए, पर हुआ बिल्कुल विपरीत। पति ने उनके कॅरियर को ज्यादा महत्ता दी और ठीक से प्लान करके उन्हें ऊंचाइयों तक पंहुचा दिया।

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मीनिंगफुल हो गया कॅरियर

'आज की फास्ट मूविंग सोसायटी में शादी बहुत जरूरी है और कॅरियर की राह पर आगे बढ़ गई लड़कियों को जल्दी से जल्दी फैमिली सेटलमेंट के बारे में सोच लेना चाहिए। मेरा तो कॅरियर शादी के बाद बदला। आज मुझे लगता है कि मैं कुछ मीनिंगफुल काम कर रही हूं। मुंबई में डाइटीशियन थी और सेटल थी, लेकिन वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन बायोलॉजिस्ट डॉ. धर्मेद्र खंडल से लव मैरिज के बाद राजस्थान के रणथंभौर आ गई। यहां मैंने भी वाइल्ड लाइफ और टाइगर कंजरवेशन के लिए काम करना आरंभ कर दिया। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी और राइटिंग शुरू की। वास्तव में पति ने ही यह नया कॅरियर शुरू करवाया। वे मेरे मार्गदर्शक बने। उन्होंने एनकरेज किया, गाइड किया। उन्होंने ही बताया कि अपना काम किस तरह आगे बढ़ाओ..।' सही समय पर शादी के फैसले को सही साबित होते देख रही हैं वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दिव्या खंडल। इनलॉज के व्यवहार के बारे में पूछने पर कहती हैं, 'उनके सपोर्ट से ही तो इतना कुछ कर पा रही हूं। लव मैरिज होने के बावजूद उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा, आप जो भी करना चाहें, कर सकती हैं। आज के जमाने में आपको घर पर बैठकर सेवा नहीं करनी है, बल्कि अपने कॅरियर पर ध्यान देना है।'

कामयाबी की दोगुनी खुशी

कनिका की ही बात करें तो पति ने उन्हें शादी के तुरंत बाद स्टेट इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर आवेदन करवाया। लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के लिए पूरी तरह से गाइड किया। वह सफल हुई और पीडब्ल्यूडी से रिजाइन कर इंजीनियरिंग कॉलेज में आ गई। इतना ही नहीं, पति उन्हें पेपर्स प्रजेंट करने के लिए प्रोत्साहित करते और उनकी मदद भी करते। इसी बीच एक बेटा और एक बेटी को भी जन्म दिया कनिका ने, लेकिन बच्चों को पालने में इनलॉज ने कभी कोई समस्या नहीं होने दी। वे खुश होते कनिका की सफलता से। फिर पति ने उन्हें एमटेक करने को कहा। बच्चों को छोड़कर दूसरे शहर की यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करना उन्हें मुश्किल लग रहा था, लेकिन पति व इनलॉज ने उन्हें बच्चों की तरफ से चिंतामुक्त रहने को कहा। उन्होंने एमटेक किया, फिर पीएचडी की और अब वे प्रमोट होते-होते एक इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रिंसिपल है। वह सबसे कम उम्र की प्रिंसिपल हैं उस कॉलेज की। अब उनकी गतिविधियां देश से लेकर विदेश तक बढ़ गई हैं। बच्चे बड़े हो गए हैं और स्टडीज में अव्वल हैं। सभी उनकी कामयाबी से खुश हैं और वह परिवार के भरपूर सपोर्ट से।

सब सेटल हो गया

'जैसे ही मेरा सीए कंप्लीट हुआ, मैंने विनीत से शादी कर ली। वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में जीएम हैं। बेशक उनका और मेरा प्रोफेशन अलग-अलग है और मेरे कॅरियर की शुरुआत है, लेकिन मुझे काम करने में कोई रुकावट नहीं। निश्चिंत होकर अपना काम कर रही हूं। शादी को सिर्फ एक साल हुआ है, लेकिन लगता है जैसे लाइफ में सब कुछ सेटल हो गया है। इनलॉज भी किसी बात पर कोई प्रॉब्लम नहीं खड़ी करते। वे बहुत सपोर्टिव हैं। अगर मैं शादी के लिए देर करती तो शायद जीवन में इतना सुकून नहीं होता।' नेहा ने पहले ही प्रयास में ही अपना सीए पूरा कर लिया था, लेकिन कॅरियर को लेकर अपनी शादी डिले नहीं की। अब उनका स्ट्रगल और आसान हो गया है। पति का पूरा सपोर्ट है। दोनों मिलकर समस्याओं को सुलझा लेते हैं।

मेक एंड ब्रेक फेज

अगर आप कॅरियर को लेकर फोकस्ड हैं और उस दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं तो फैमिली सेटल करने के बारे में सोच लेने में कोई बुराई नहीं है। ट्रेंड भी बदला है। लड़कियां जितना प्रोफेशनल सेटलमेंट को लेकर सजग हैं, उतना ही फैमिली को लेकर भी। वह शादी को रुकावट नहीं मान रही हैं, बल्कि शुरुआती एडजेस्टमेंट को पॉजिटिव लेने लगी हैं। दिव्या कहती भी हैं, 'वैसे भी पहला साल 'मेक या ब्रेक' का होता है। इसमें विचलित हो गए तो दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी और अगर यही साल शांति से निकल जाए तो रास्ते निकल आते हैं। धीरज रखकर एक्सप्लोर कर लिया जाए तो आगे बढ़ने में कोई बाधा नहीं है। यह स्थिति तो हर हाल में फेस करनी है तो फिर शादी समय से ही क्यों न करें। भविष्य की योजनाओं के लिए समय भी ज्यादा मिलेगा।'

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