जीवन आदर्शोकी प्रेरणा
सही मायने में नैतिक जिम्मेदारियों के प्रति प्रतिबद्ध होना ही आदर्श जिंदगी है और बिना प्रेरणा के इसका निर्वहन निष्फल है। डॉक्टर पवन कुमार पोखरियाल का उपन्यास 'प्रेरणा' साहित्यिक विधा की दृष्टि से भले ही स्वस्थ मनोरंजन का पुलिंदा है लेकिन इससे भी अच्छी बात यह है कि इसके पात्रों का चयन मनुष्य के विचार, कल्पना, सस्कृंति, ज्ञान और आचरण क
सही मायने में नैतिक जिम्मेदारियों के प्रति प्रतिबद्ध होना ही आदर्श जिंदगी है और बिना प्रेरणा के इसका निर्वहन निष्फल है। डॉक्टर पवन कुमार पोखरियाल का उपन्यास 'प्रेरणा' साहित्यिक विधा की दृष्टि से भले ही स्वस्थ मनोरंजन का पुलिंदा है लेकिन इससे भी अच्छी बात यह है कि इसके पात्रों का चयन मनुष्य के विचार, कल्पना, सस्कृंति, ज्ञान और आचरण को संज्ञान में लेकर किया है। उतार-चढ़ाव के बीच रिश्तों के धागे पिरोती इसकी कहानी गूढ़ दार्शनिक विषय को एक सकारात्मक कहानी के रूप में भी प्रस्तुत करती है। उपन्यास में प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन, जीवन के विभिन्न पड़ावों का चित्रण, संघर्ष, प्रेम के बीच दिल छूने वाले गीतों की गुंजन और कविताएं पाठक को इसे पढऩे की लयबद्धता देती हैं। अनुराधा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक ने दार्शनिक विषय को कहानी के माध्यम से गढ़कर उपन्यास का रूप दिया है, जो इसे खास बनाता है!