आरसीए के चुनाव सम्पन्न, मतगणना पर फैसला आज
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव में सोमवार को मतदान सम्पन्न हो गया। अब हाईकोर्ट
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव में सोमवार को मतदान सम्पन्न हो गया। अब राजस्थान हाईकोर्ट मंगलवार को आरसीए चुनाव की मतगणना को लेकर फैसला करेगा। जस्टिस जे.के.रांका ने मतदान के बाद वोट सील बंद लिफाफे में रखने के निर्देश दिए थे, ऐसे में अब सभी की निगाहें मंगलवार को कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी है।
मतदान के बाद सील बंद लिफाफे में एक पेट में रखवाया गया है। ये पेटी जयपुर कलेक्ट्रेट के ट्रेजरी विभाग में रखवाई गई है। अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.सी.पी. जोशी और आईपील के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के बेटे रूचिर मोदी के बीच रोचक मुकाबला है। वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए जोशी गुट की ओर से मो. इकबाल एवं मोदी गुट की ओर से रामप्रकाश चौधरी, सचिव पद के लिए मोदी गुट की ओर से आर.एस.नांदू एवं जोशी गुट की ओर से महेन्द्र शर्मा और कोषाध्यक्ष पद के लिए जोशी गुट की ओर से आजाद सिंह एवं मोदी गुट की ओर से पिंकेश जैन के बीच मुकाबला हुआ। संयुक्त सचिव पद पर मोदी गुट ने महेन्द्र नाहर और जोशी गुट ने शत्रुघ्न तिवाड़ी को मैदान में उतारा।
सोमवार को हुए मतदान में सभी 33 जिला संघों के प्रतिनिधियों ने मतदान किया। सुबह 8 से 11 बजे तक हुए मतदान के बाद सी.पी. जोशी गुट एवं रूचिर मोदी गुट ने जीत का दावा किया। सी.पी. जोशी ने कहा कि हमारी जीत पक्की है, हम राज्य में क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम करेंगे। जयपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाएंगे, नए खिलाड़ी तैयार करेंगे। जोशी के पैनल में उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार मो. इकबाल का कहना है कि कुल 33 में से जोशी को 18 से 20 वोट मिलेंगे। वहीं मोदी गुट की ओर से महबूद आब्दी ने जीत सुनिश्चित होने का दावा करते हुए कहा कि हमने हमारा विजन पहले ही घोषित कर दिया था। जिला संघों पर स्वतंत्र बनाएंगे, जयपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाएंगे।
सोमवार को आरसीए चुनाव के बीच ही राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप इंद्राजोग की खंडपीठ के फैसले के बाद लोकपाल ज्ञानसुधा मिश्रा ने भरतपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिप शत्रुध्न तिवाड़ी के वोट को मान्य करार दिया। दरअसल 26 मई को हाईकोर्ट में जस्टिस महेन्द्र माहेश्वरी ने भरतपुर जिला संघ के वोट को बंद लिफाफे में रखने के निर्देश दिए थे, जिसकी अपील आरसीए ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में की थी। भरतपुर संघ को लेकर विवाद के बाद जस्टिस माहेश्वरी ने यह निर्देश दिए थे।