अंतिम संस्कार के पैसे नहीं थे, बहन का शव लेकर भटकता रहा युवक
अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होने के कारण एक भाई अपनी बहन के शव को लेकर इधर-उधर भटकता रहा।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले के सोलंकियातला गांव में अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होने के कारण एक भाई अपनी बहन के शव को 20 घंटे लेकर इधर-उधर भटकता रहा। बाद में पुलिसकर्मियों और समाज सेवी संगठनों की मदद से अंतिम संस्कार हो सका।
सोलंकियातला गांव की 18 वर्षीय धु्रव देवी का रविवार दोपहर दो बजे निधन हो गया था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसका बड़ा भाई सवाई राम अंतिम संस्कार के लिए गोद में शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचा। रुपये नहीं होने के कारण लकड़ खरीद नहीं पाया।
वहां लकड़ी विक्रेता ने लकड़ी देने से मना कर दिया। काफी देर वहां बैठने के बाद शव को फिर गोद में उठाकर घर पहुंच गया। सोमवार सुबह सवाई राम गांव में ही वन विभाग की जमीन पर शव दफनाने पहुंचा तो ग्रामीणों ने शव को दफनाने नहीं दिया और पुलिस को सूचना दे दी।
शेरगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची और शव को सरकारी वाहन से ले जाकर अस्पताल में रखवा दिया। सोमवार दोपहर को सवाई राम अपनी मां तुलसी देवी के साथ थाने पहुंचा और अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और अन्य सामान के लिए पैसे नहीं होने की बात कहते हुए शव को दफनाने की अनुमति मांगी। इस पर थाना प्रभारी मनोज राणा ने कुछ समाजसेवियों के साथ मिलकर रुपये एकत्रित कर सवाई राम को दिए और उसकी बहन का 20 घंटे बाद अंतिम संस्कार कराया।