राजस्थान के सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाएगा नया इतिहास
शिक्षामंत्री के निर्देश के बाद राज्य के शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवार ने बैठक ली,जिसमें पाठ्क्रम में बदलाव और इसको जल्द लागू कराने के निर्देश दिए।
जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान के सरकारी स्कूलों में अब हल्दीघाटी का नया इतिहास पढ़ाया जाएगा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा के सामान्य विज्ञान विषय की किताब में अब महाराणा प्रताप को हल्दीघाटी युद्ध का विजेता पढ़ाया जाएगा।
अब तक के इतिहास में इस युद्ध को बेनतीजा बताया जाता रहा है अर्थात यह बताया जाता रहा है कि ना तो महाराणा प्रताप की सेना जीती थी और ना ही अकबर जीते थे। लेकिन राजस्थान के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने विभाग की कमान संभालते ही अकबर महान के स्थान पर महाराणा प्रताप को महान बताने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव की बात कही थी। इसी के तहत पहले स्कूली शिक्षा से 'अकबर महान' का अध्याय हटाया गया था। वहीं अब 10वीं कक्षा के नए पाठ्क्रम में जो नया इतिहास जोड़ा जा रहा है इसके मुताबिक'हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप जीते थे और अकबर की सेना हार कर भाग गई थी'।
नए अध्याय के मुताबिक महाराणा प्रताप अपनी मातृभूमि मेवाड़ की रक्षा के लिए ताकत से लड़े थे और उनकी सेना ने अकबर की सेना को खदेड़ दिया था। देवनानी का कहना है कि अब तक इतिहास सही ढंग से नहीं पढ़ाया जा रहा था,अब इसे सही किया जा रहा है। देवनानी का तर्क है कि यदि अकबर हल्दीघाटी का युद्ध जीतता तो फिर छह बार मेवाड़ पर हमले क्यों करता। हर बार पराजित होने के कारण वह बार-बार हमले कर रहा था। उल्लेखनीय है कि उदयपुर मीरा गर्ल्स कॉलेज के प्रो.चन्द्रशेखर शर्मा द्वारा किए गए शोध के मुताबिक प्रदेश का शिक्षा विभाग बच्चों को पढ़ाए जाने वाले इतिहास में बदलाव कर रहा है। शोध के अनुसार हल्दीघाटी की 1576 की लड़ाई में महाराणा प्रताप ने अकबर को हराया था।
शर्मा ने अपने रिसर्च में प्रताप की जीत के पक्ष में ताम्र पत्रों के प्रमाण जनार्दनराय नागर विघापीठ यूनिवर्सिटी में जमा कराए है। शर्मा के रिसर्च के अनुसार युद्ध के बाद अगले एक वर्ष तक महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के आसपास के गांवों की जमीनों के आवंटन पत्र ताम्र पत्र के रूप में लोगों को बांटे थे। शर्मा के शोध के अनुसार युद्ध में हार के बाद मुगल सेना के सेनापति मानसिंह और आसिफ खां से अकबर काफी नाराज हुआ था,इन्हे छह माह तक दरबार में नहीं आने की सजा सुनाई गई थी।
शर्मा का तर्क है कि यदि अकबर युद्ध जीतता तो फिर अपने सेनापतियों को सजा क्यों सुनाता। उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री ने पिछले दिनों सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संघ के संस्थापक पं.दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। कई स्कूलों में ये पहुंच भी गई है। सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार प्रारम्भ कराने का भी काफी विरोध हुआ था। शिक्षामंत्री के निर्देश के बाद राज्य के शिक्षा सचिव नरेशपाल गंगवार ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक ली,जिसमें पाठ्क्रम में बदलाव और इसको जल्द लागू कराने के निर्देश दिए।