राजस्थान और हरियाणा का मेव समाज सरकार से नाराज
अलवर मेव समाज के सदर शेर मोहम्मद का कहना है कि एसआईटी से जांच की मांग को लेकर मेव समाज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
जयपुर, [जागरण संवददाता] ।राजस्थान और हरियाणा का मेव समाज अलवर में मेव पंचायत करने की तैयारी कर रहा है। मेव समाज ने अप्रेल माह में अलवर में कथित गौ-तस्करों द्वारा की गई मारपीट के बाद मारे गए हरियाणा के नूंह निवासी पहलूं खां मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है।
अलवर मेव समाज के सदर शेर मोहम्मद का कहना है कि एसआईटी से जांच की मांग को लेकर मेव समाज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। पहलू खां मौत मामले की जांच तीन दिन पूर्व राज्य सरकार द्वारा सीआइडी-सीबी को देने से नाराज मेव समाज के लोग शेर मोहम्मद की अगुवाई में जयपुर आए और यहां पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले। शेर मोहम्मद का आरोप है कि सीआईडी-सीबी को जांच देकर सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहती है।
पहलू खां के बेटे आरिफ और इरशाद ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा द्वारा दो दिन पूर्व रामगढ में दिए गए धरने से पहले ही सरकार ने मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौंप दी। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे पिता से मारपीट करने वाले किथत गौ-रक्षक आहूजा के समर्थक है। पुलिस ने इन्हे पकड़ा भी है,आहूजा इन लोगो से केस खत्म कराना चाहते है,इसलिए उन्होने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ धरना देकर दबाव बनाने का प्रयस किया और सरकार ने दबाव में आकर मामला सीआईडी-सीबी को सौंप दिया।
हरियाणा से आए रमाजान मेव का कहना है कि पहलू खां की हत्या की गई,इससे राजस्थान के साथ हरियाणा के मेव समाज में नाराजगी है। उल्लेखनीय है कि पहलू खां सहित कुछ लोग जयपुर नगर निगम के पशु हटवाडे से गाय ºरीदकर हरियाणा स्थित नूंह ले जा रहे थे। अलवर जिले के भिवाडी में कथित गौ-तस्करों ने उन्हे गौ-तस्कर बताते हुए रोक कर मारपीट की थी। मारपीट में पहलूं खां सहित पांच लोग घायल हुए थे। इनमे से पहलूं खां की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी,तभी से मेव समाज नाराज है।
इधर इस मामले मे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पंकज कुमार का कहना है कि पहलू खां का परिवार निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा था,इसलिए जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी है। वहीं कांग्रेस नेता जुबेर खान का कहना हैकि सीआईडी सीबी को जांच सौंपन का मतलब मामले को ठंडे बस्ते में डालकर आरोपियों को फायदा पहुंचाना है।