राजस्थान के कामां में लट्ठमार होली खेली गई
देश में मथुरा-वृंदावन की लट्ठमार होली काफी प्रसिद्ध है, लेकिन राजस्थान में भी एक जगह है जहां सदियों से यह परंपरा निभाई जा रही है।
जयपुर, जागरण संवाद केन्द्र। देश में मथुरा-वृंदावन की लट्ठमार होली काफी प्रसिद्ध है, लेकिन राजस्थान में भी एक जगह है जहां सदियों से यह परंपरा निभाई जा रही है। यह जगह है राजस्थान के भरतपुर जिले में कामां जो ब्रज में ही आता है। यहां भी लट्ठमार होली खेली जाती है। दरअसल लोग जिस गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने जाते हैं उसका एक भाग यहां हैं। राजस्थान में ब्रज का यह सबसे बड़ा भाग है। यहां भी ब्रज की ही तरह होली खेली जाती है। इन दिनों कामां में बड़े धूम-धाम से ब्रज होली महोत्सव का आयोजन हो रहा है।
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महोत्सव पर्यटन विभाग एवं नगर पालिका के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। गुरूवार को यहां शोभायात्रा निकाल कर लट्ठमार होली खेली गई। शोभायात्रा का आगाज लाल दरवाजे पर गणेश पूजन के साथ हुआ। इसके साथ ही कार्यक्रम शुरू किए गए। इसके बाद कस्बे के प्रसिद्ध मंदिर श्रीगोकुल चन्द्रमा जी मदन मोहन जी मन्दिर में कुंज गुलाल होजी श्री राधा वल्लभ मंदिर में दूध-दही होली, फूल होली का आयोजन हुआ। शाम को भी कस्बे के प्रसिद्ध मंदिर श्री गोपीनाथजी से बैंड बाजों पर्यटन विभाग कलाकारों के द्वारा शोभायात्रा निकाली गई।
राधा वल्लभ मंदिर में लट्ठमार होली का आयोजन हुआ। इसमें महिलाएं रंग-बिरंगे परिधानों में सजी धजी थीं। पुरुषों ने अपने सिर लाठियों से बचने को ढाल रखे हुए थे। महिलाएं इन पर लाठियां बरसा रही थीं। बंब पार्टी ने प्रस्तुतियां दीं।
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यह है लट्ठमार होली
लट्ठमार होली ब्रज का प्रसिद्ध त्योहार है। पूरा ब्रज रंगों में डूब जाता है। यहां भी सबसे ज्यादा मशहूर है बरसाना की लट्ठमार होली। बरसाना राधा का जन्मस्थान है। मथुरा के पास बरसाना में होली कुछ दिनों पहले ही शुरू हो जाती है। इस दिन लट्ठ महिलाओं के हाथ में रहता है ओर नंदगांव के पुरुषों (गोप) जो राधा के मंदिर लाडलीजी पर झंडा फहराने की कोशिश करते हैं, उन्हें महिलाओं के लट्ठ से बचना होता है।