ब्रिक्स घोषणा पत्र जारी : विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों के समापन सम्मेलन में घोषणापत्र में कहा गया है कि सभी प्रक्रियाओं में महिलाओं के सरोकारों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। ब्रिक्स देशों की महिला सांसदों के सम्मेलन में शामिल सभी देशों ने विकास के लिए आर्थिक प्रगति,सामाजिक समावेश और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। इसके साथ ही सभी सांसद जलवायु परिवर्तन की सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करने पर भी एकमत हुई। निचले स्तर तक विकास की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जलवायु परिवर्तन एवं महिलाओं के सम्मान को लेकर किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की। सम्मेलन के समापन के मौके पर रविवार को जयपुर घोषणापत्र में कहा गया है कि नीतियां तथा कानून बनाने की सभी प्रक्रियाओं में महिलाओं के सरोकारों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
ब्रिक्स में शामिल (भारत, चीन, ब्राजील, रूस, साउथ अफ्रीका) पांच देशों की महिला सांसदों के दो दिवसीय सम्मेलन की समाप्ति पर 11 बिंदुओं का जयपुर घोषणापत्र जारी किया गया है। इस घोषणापत्र में 2030 के लिए निर्धारित विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मिल कर काम करने की बात कही गई है। इस घोषणा पत्र को सम्मेलन में शामिल सभी देशों की महिला सांसदों ने एकमत से स्वीकार किया।
घोषणा पत्र में वित्तीय संस्थाएं विकासशील और अल्पविकसित देशों को विकास के लिए आसान शर्तों पर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराए, ब्रिक्स की महिला सांसद विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में पूरा सहयोग करने ओर सभी तरह के कानून एवं विकास प्रक्रियाओं में महिलाओं से जुड़े सरोकारों का ध्यान रखने आदि बिन्दु शामिल किए गए।
सम्मेलन के समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि ब्रिक्स के इतिहास में यह सम्मेलन महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि यहां से ब्रिक्स में एक नई यात्रा शुरू हो रही है।
उन्होंने कहा कि विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सांसदों के बीच आपसी संवाद बहुत जरूरी है, क्योंकि सांसद जनता और सरकार के बीच की कडी होते है।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स में शामिल सभी देशों के सांसद एक-दूसरे के देशों में हो रहे अच्छे काम देखें और सीखे। महाजन ने कहा कि अब हमें सस्टेनेबल डवलपमेंट गोल्स पर ध्यान देना है। यें विकास लक्ष्य और हमारे देशों का भविष्य बदल सकते है।
उन्होंने कहा कि विकास में लैंगिक समानता जरूरी है तभी वह टिकाउ और प्रभावी हो सकता है। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन भी एक ऐसा मुद्दा है जो पूरी मानवता को प्रभावित कर रहा है और इसके प्रभावों के साथ ही हम विकासशील देशों को अपने विकास की चुनौतियों का सामना भी करना है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि महिला होने के नाते विकास की प्रक्रिया हम ज्यादा बेहतर भूमिका निभा सकती है, क्योंकि हम में करुणा का का भाव भी होता है। विकास को ले कर हमारी दृष्टिï कुछ अलग होती है।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाएं सिर्फ पर्यटन और महिला बाल विकास जैसे विभागों से आगे निकल कर रक्षा और वित्त जैसे विभाग भी सम्भालें। भारत में यह काम हो रहा है। यहां एक महिला लोकसभा अध्यक्ष है, एक विदेश मंत्रालय सम्भाल रही है और तीन बड़े राज्यों में महिलाएं मुख्यमंत्री है। ऐसे में ब्रिक्स देशों की महिला सांसद विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है।
राजे ने कहा कि ब्रिक्स में शामिल सभी देशों की अपनी चुनौतियां है, लेकिन गरीबी उन्मूलन जैसी समस्याओं पर सब एक है। इन सभी देशों में महिलाओं की चुनौतियां भी लगभग एक जैसी है। ऐसे में ये देश मिल कर पूरी दुनिया में विकास की एक नई दिशा तय कर सकते है।