जयपुर एवं उदयपुर में खुलेंगे बायो फ्यूल पम्प
वातावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए रतनजोत से बने बायो फ्यूल से राजस्थान में सबसे पहले उदयपुर एवं जयपुर में वाहन दौड़ते नजर आ सकते हैं।
जयपुर, जागरण संवाद केन्द्र। वातावरण को प्रदूषण मुक्त करने के लिए रतनजोत से बने बायो फ्यूल से राजस्थान में सबसे पहले उदयपुर एवं जयपुर में वाहन दौड़ते नजर आ सकते हैं। प्रदेश का पहला बायो फ्यूल पम्प उदयपुर में खोलने की योजना है। राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत इन दोनों शहरों में बायो फ्यूल पम्प स्थापित करने की केन्द्र सरकार से सिफारिश की है। हालांकि केन्द्र ने शुरुआत में डीजल में 20 प्रतिशत तक बायो फ्यूल के उपयोग का मानक तय कर रखा है।
बायो फ्यूल प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट सिटी योजना के प्रथम चरण में चुने गए देश के 20 शहरों में उदयपुर एवं जयपुर शामिल है। इन शहरों को प्रदूषण मुक्त बनाने एवं वाहनों की उम्र बढ़ाने के लिए केन्द्र को एक रिपोर्ट दी गई। सरकार ने शुरुआत में इन दोनों शहरों में डीजल के साथ 20 प्रतिशत बायो फ्यूल मिलकर वाहनों को चलाने की बात कही है।
उन्होंने बताया कि डीजल के साथ अगर इतनी मात्रा में ही बायो फ्यूल मिलकर वाहनों में चलाया जाएगा तो उनसे प्रदूषण जीरो प्रतिशत हो जाएगा। सरकार ने रतनजोत के एकत्र करने के लिए राजस संघ एवं राजफेड को लगा रखा है, लेकिन किसानों के सीधे जुड़ाव को देखते हुए दुग्ध उत्पादक समितियों पर एकत्र करने के बारे में सोचा जा रहा है, ताकि किसान समितियों को दूध के साथ रतनजोत भी दे पाए। उदयपुर में कुल 711 समितियां है और 41 हजार 328 किसान जुड़े हुए हैं, वहीं जयपुर में 3200 समितियों से करीब सवा लाख किसान जुड़े हुए हैं।