अभी जारी है 'बालिका वधू' परंपरा, राजस्थान में हुई 5 वर्ष की बच्ची की शादी
21वीं शताब्दी के हिंदुस्तान में आज भी कुछ परंपराएं ऐसी हैं जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ में भी एक ऐसी ही परंपरा सामने आई है जहां एक साथ दो बाल विवाह होने का मामला सामने आया है।
जयपुर, जागरण संवाद केन्द्र। 21वीं शताब्दी के हिंदुस्तान में आज भी कुछ परंपराएं ऐसी हैं जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ में भी एक ऐसी ही परंपरा सामने आई है जहां एक साथ दो बाल विवाह होने का मामला सामने आया है।
सिर्फ 5 और 6 वर्ष की बच्चियों को उनके माता पिता ही नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों के बीच सात फेरे लगवाए गए। लेकिन किसी ने इसका विरोध तक नहीं किया। इस बाल विवाह को खुलेआम अंजाम दिया गया शादी में बाजे बजे सैकड़ों लोगों को प्रतिभोज हुआ। इसके बावजूद प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। अब मीडिया में मामला सामने आने के बाद प्रशासन कार्रवाई की बात कह रहा है।
बाल विवाह हुआ चित्तौडग़ढ़ जिले की गंगरार तहसील के जयसिंह पुरा गांव में यहां पांच वर्ष की बच्ची का दुल्हा बना 15 वर्ष का बच्चा और छह वर्ष की बच्ची का दुल्हा बना 17 वर्ष का बालक। राजस्थान में बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह अधिनियम 2006 भी लागू है। शारदा एक्ट भी इसके लिए बना हुआ है। इसके बावजूद भी यहां से आए दिन बाल विवाह की खबरें आती रहती हैं। जाहिर है इसके खिलाफ कानूनी सख्ती के अलावा सामाजिक जागरूकता की भी जरूरत है।
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