नोटबंदी से बगदादी के नेटवर्क को भी नुकसान
शुक्रवार को एनआईए व एटीएस की संयुक्त पूछताछ में इस तरह के कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
जयपुर। नोटबंदी का असर अब आतंकी संगठनों पर भी दिखने लगा है। आइएस सरगना बगदादी ने फंडिंग के लिए जमील अहमद को भारत भेजा था लेकिन सरकार के नोटबंदी के आदेश से उसकी यह योजना धरी की धरी रह गई।
जमील को दो दिन पूर्व राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर से गिरप्तार किया गया था। उसने शुक्रवार को एनआईए व एटीएस की संयुक्त पूछताछ में इस तरह के कई चौंकाने वाले खुलासे किए।
भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जमील भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते रिश्ते को भुनाकर देशभर से पैसा उगाहने की योजना बनाकर आया था। वह अपनी इस योजना में कुछ हद तक कामयाब भी रहा लेकिन नोटबंदी ने उसका सारा खेल बिगाड़ दिया और फंडिंग के लाखों रुपए धरे रह गए।
गौरतलब है कि जमील को 17 नवंबर को जयपुर से मुंबई और फिर मुंबई से दुबई जाना था। उसके पास से फ्लाइट के टिकट भी मिले हैं।
कई आइएस कमांडरों से था संपर्क
जमील आइएस के कमांडर अबु हुरैरा, अल हिन्दी, अल ब्रितानी, अबु अब्दुल्ला और अबु शाद के सीधे संपर्क में था। इनसे बातचीत के लिए ट्विटर का उपयोग करता था।
वह सीरिया, लेबनान, तुर्की और बोस्निया में आतंकियों को पैसा पहुंचाता था। वहां तक रकम मनी ट्रांसफर कंपनी वेस्टर्न यूनियन और हवाला के जरिये पहुंचती थी।
अब मुंबई से काम करने की थी तैयारी
अब तक यह काम वह यूएई में रहते हुए कर रहा था। उसने अब यूएई के बजाय मुंबई से इस काम को करने की तैयारी कर ली थी। उसने मुंबई में फ्लैट खरीद कर उसमें पूरा सेटअप तैयार करवा लिया था।
कई देशों की बैंकों में हैं खाते
उसने अपने परिवार को महाराष्ट्र के बालाघाट स्थित डिहाणु में बसा दिया था। एटीएस की जांच में सामने आया है कि जमील ने कई देशों की बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में खाते खुलवा रखे हैं। वह गैर-मुस्लिम लोगों के खातों का इस्तेमाल करता था।