अगस्ता डील प्रकरण में वसुंधरा पर हो कार्रवाई : पायलट
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले में सिसासत की गरमी राजस्थान तक पहुंच गई। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को निशाने पर लिया है।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले में सिसासत की गरमी राजस्थान तक पहुंच गई। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को निशाने पर लिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का आरोप है कि कैग की रिपोर्ट के मुताबिक तत्कालीन राजस्थान सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीद कर जनता के 1.14 करोड़ रुपए का नुकसान किया था। मामले में उल्लेखित अगस्ता हेलिकॉप्टर स्टेट हैंगर पर धीरे-धीरे कबाड़ में बदल रहा है। राज्य सरकार ने इस हेलिकॉप्टर की खरीद 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अनुमोदन के बाद की थी। एक बयान में पायलट ने प्रधानमंत्री और भाजपा नेतृत्व से राजस्थान सीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पायलट ने इस मामले में कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर अगस्ता वेस्टलैंड खरीद में घोटाले के आरोप कांग्रेस पार्टी नहीं लगा रही। देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी कैग की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। अब तो प्रधानमंत्री और भाजपा नेतृत्व को हिम्मत दिखाते हुए अपनों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। राजे सिटिंग सीएम हैं, यदि कार्रवाई नहीं होगी तो मामले को दबाने के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री राजे पर पहले ललित मोदी प्रकरण, फिर खान घोटाले और अब अगस्ता वेस्टलैंड खरीद मामले में गड़बड़ी के आरोप हैं। फिर भी प्रधानमंत्री या भाजपा आलाकमान कार्रवाई नहीं कर रहा। ऐसा क्या डर है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सचिन पायलट के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कांग्रेस की असत्य बोलने की फितरत है। जब-जब कांग्रेस के नेता आरोपों से घिरने लगते है तो भाजपा नेताओं अथवा सीएम पर आरोप लगाए जाते है।
उन्होंने कहा कि अगस्ता हेलिकॉप्टर मामले में साफ हो गया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तत्कालीन रक्षामंत्री ए.के. एंटनी सहित कई नेता जिम्मेदार थे। पूर्व एयरचीफ एस.पी. त्यागी ने भी कह दिया कि यदि मै दोषी हूं तो तत्कालीन सरकार भी दोषी है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने वर्ष 2005 में अगस्ता हेलिकॉप्टर खरीदा था, उसके बाद ट्रेनिंग के लिए दो माह इटली भेजा गया और दो हजार घंटे प्रदेश में ट्रेनिंग कराई गई। इसके बाद कांग्रेस सरकार सत्ता में तो इसका सही ढंग से रख रखाव नहीं किया, जिससे यह कबाड़ में बदल गया। अब सरकार ने इसे बेचने की तैयारी की है,12 करोड़ रुपए न्यूनतम बोली रखी गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 अशोक गहलोत इस हेलिकॉप्टर में यात्रा कर रहे थे इसी दौरान इसकी पंखुडियां टूट गई और वे बाल-बाल बचे थे, इसके बाद से ही इस हेलिकॉप्टर का उपयोग नहीं किया गया। यह हेलिकॉप्टर 20 करोड़ रुपए में खरीदा गया था।