Move to Jagran APP

भाजपा के बड़े नेताओं ने विभिन्न समाजों की नाराजगी दूर करने के प्रयास तेज किए

राज्य की 25 विधानसभा सीटों पर प्रभावशाली मीणा समाज भी पिछले कुछ समय से भाजपा से नाराज चल रहा है ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 22 Nov 2017 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 22 Nov 2017 03:06 PM (IST)
भाजपा के बड़े नेताओं ने विभिन्न समाजों की नाराजगी दूर करने के प्रयास तेज किए
भाजपा के बड़े नेताओं ने विभिन्न समाजों की नाराजगी दूर करने के प्रयास तेज किए

जयपुर, [नरेन्द्र शर्मा]। दूर होते अपने परम्परागत वोट बैंक से चिंतित राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा  नेतृत्व जातिगत समीकरणों को साधने में जुटे हैं। एक ओर जहां वसुंधरा राजे विभिन्न जातियों के प्रमुख लोगों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ व्यक्तिगत मुलाकात कर उनकी नाराजगी दूर करने में जुटी है,वहीं दूसरी ओर संगठन के नेता नाराज समाजों को मनाने में जुटे हैं ।

loksabha election banner

करीब एक वर्ष बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव एवं इससे पहले दो संसदीय सीटों और एक विधानसभा सीट पर होने  वाले उप  चुनाव को देखते हुए गुर्जर,राजपूत,मीणा और वैश्य समाज की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा ने प्रयास  तेज कर दिए। गुर्जर समाज अपनी आरक्षण की मांग पूरी नहीं होने से नाराज है,वहीं भाजपा का परम्परागत वोट बैँक रहा  राजपूत समाज अपने नेताओं को सत्ता एवं संगठन में महत्व नहीं मिलने के साथ ही फिल्म "पद्मावती ",जयपुर राजपरिवार  की सम्पति राजमहल होटल पर सरकार के कब्जे एवं आनंदपाल सिंह एनकाउंटर की कार्रवाई से नाराज चल रहा है ।

राज्य की 25 विधानसभा सीटों पर प्रभावशाली मीणा समाज भी पिछले कुछ समय से भाजपा से नाराज चल रहा है । समाज के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा द्वारा भाजपा में उपेक्षा के कारण राजपा में शामिल होने के बाद मीणा समाज भाजपा से दूर हो गया । प्रदेश सरकार  में अपनी सुनवाई नहीं होने के कारण पहले से ही नाराज चल रहे वैश्य समाज की नाराजगी अब जीएसटी लागू होने के बाद ओर अधिक बढ़ गई है। अक्टूबर माह में राज्य पुलिस की इंटेलिजेंस से मिली रिपोर्ट ने वसुधंरा राजे और भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि वर्तमान हालात में गुर्जर,राजपूत और मीणा समाज भाजपा से काफी नाराज है। वहीं वैश्य समाज भी खुश नहीं है,लेकिन इस समाज के लोग खुलकर अपनी बात नहीं कह रहे ।

गुर्जर समाज की नाराजगी का कारण 21 फीसदी ओबीसी आरक्षण का कैटेगराइजेशन करके के 5 प्रतिशत के आरक्षण की मांग पूरी नहीं होना है । विस.चुनाव निकट आते देख सरकार ने गुर्जर समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए पिछले  माह विधानसभा एक विधेयक पास करवाकर कर गुर्जर सहित पांच जातियों  को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए ओबीसी का कोटा 21 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर दिया था,यह मामला कोर्ट में फंस गया ।

गुर्जर समाज ने मंगलवार को जयपुर स्थित सचिवालय में मंत्रिमण्डलीय उप समिति के साथ हुई बैठक में साफ कह दिया कि यदि उनके आरक्षण को लेकर शीघ्र निर्णय नहीं हुआ तो भाजपा  को मुश्किल होगी । वहीं जयपुर राजपरिवार की सम्पति राजमहल पैलेस होटल पर सरकार द्वारा जबरन कब्जा किए जाने  एवं राजकुमारी दीया कुमारी के साथ अभद्रता किए जाने के बाद  से नाराज चल रहा राजपूत समाज अब फिल्म पद्मावती को लेकर सरकार से नाराज है । नाराज समाजों को मनाने के लिए वसुंधरा राजे ने पिछले 20 दिन में विभिन्न समाजों के नेताओं के साथ अलग-अलग मुलाकात की । इन मुलाकातों में वसुंधरा राजे ने इन समाजों के नेताओं को यह विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि उनकी  नाराजगी शीघ्र दूर कर दी जाएगी । पिछले एक माह में वसुंधरा राजे ने अपने जिलों के दौरे के दौरान भी प्रमुख जातियों के नेताओं के साथ संवाद का सिलसिला शुरू किया है । इधर भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना,राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी.सतीश और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर जातिय समीकरण पार्टी के पक्ष में करने में जुटे है । 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.