गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार नजर नहीं आएंगे बीएसएफ के ऊंट
फ्रांस के राष्ट्रपति के मुख्य आतिथ्य में दिल्ली राजपथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ऊंट दस्ते परेड में शामिल नहीं हो रहे हैं। वर्ष 1976 में ऊंटों के बीएसएफ दस्ते को पहली बार किया था समारोह में शामिल।
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। फ्रांस के राष्ट्रपति के मुख्य आतिथ्य में दिल्ली राजपथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ऊंट दस्ते परेड में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि अधिकारी यह भी बताते है कि इस संबंध में अभी कोई स्पष्टï दिशा-निर्देश नहीं है। बीएसएफ के 90 ऊंटों का दस्ता रिहर्सल के लिए दिल्ली में मौजूद है।
बीएसएफ के अधिकारी बताते हैं कि जवान रिहर्सल में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। बीएसएफ के प्रशिक्षित ऊंटों का दस्ता वर्ष भर कई कार्यक्रमों में शिरकत करता है। इसमें भाग लेने वाले गश्ती दल वाले ऊंट नहीं होते। जोधपुर के प्रशिक्षण केन्द्र से इन्हें उच्च स्तरीय निर्देश के बाद भागीदारी के लिए भेजा जाता है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1976 में ऊंटों के बीएसएफ दस्ते को पहली बार किया था समारोह में शामिल, वहीं ऊंट 66 वर्षों पहले भारतीय थलसेना की टुकड़ी के माध्यम से शामिल हुए थे। ऊंट को परेड़ में शामिल नहीं करने के निर्णय से राजस्थान के पर्यटन को भी धक्का पहुंच सकता है।
दरअसल, हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक ऊंट देखने राजस्थान आते है। ऊंट न केवल राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति का हिस्सा है, बल्कि पश्चिमी सीमा पर बीएसएफ के साथ सुरक्षा प्रहरी के रूप में भी बरसों से अपनी महत्वपूर्ण निभा रहा है। इस बारे में जोधपुर में बीएसएफ के डीआईजी रवि गांधी का कहना है कि गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में बदलाव की जानकारी मिली है। ऐसी भी सूचना है कि बीएसएफ का ऊंट दस्ता भी शामिल नहीं रहेगा। ऐसा क्यों हुआ, इस बारे में अधिकारिक तौर पर सेना के अधिकारी ही बता सकते हैं। रिहर्सल के लिए बीएसएफ के जवान दिल्ली में ही है।