लिटरेचर फेस्टिवल में छाएगा पठानकोट हमला
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस बार साहित्य के साथ ही देश से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए भी मंच उपलब्ध होगा। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल-2016 (21-15 जनवरी) में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर चर्चा के लिए सेशन होगा।
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। देश-दुनिया के साहित्यकारों का पसंदीदा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस बार साहित्य के साथ ही देश से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए भी मंच उपलब्ध होगा। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल-2016 (21-15 जनवरी) में पहली बार भारत-पाकिस्तान के बंटवारे पर चर्चा के लिए सेशन होगा। दोनों देशों की सीमा पर बने हालातों पर जाने-माने लेखक, शोधार्थी और विचारक चर्चा करेंगे।
पार्टिशन पर आधारित किताब 'द ग्रेट डिवाइड' के लेखक निसिद हजारी, 'द ग्रेट पार्टिशन' की लेखक यासमीन खान, 'द क्रिएटिंग ए न्यू मदीना : स्टेट पावर, इस्लाम एंद द क्वेस्ट फोर पाकिस्तान इन लेट कॉलोनियल नॉर्थ इंडिया' के लेखक वेंकट धुलिपाला और 'द अदर साइड ऑफ साईलेंस' की लेखिका उर्वशी बुटालिका चर्चा करेंगे। लेखक भारत-पाक बंटवारे के बाद के हालात के आइने में पठानकोट आतंकी हमले पर चर्चा करेंगे।
पिछले नो वर्षों से हो रहे फेस्टिवल में इस वर्ष पहली बार युद्ध, हिंसा और संघर्षों पर 'द पीस टू एंड ऑल पीस' सेशन रखा गया है। इसमें अरब देशों के इतिहास के आइने में युद्धों, हिंसा और जीवन के लिए संघर्ष पर चर्चा होगी। हाल ही में पठानकोट पर हुए आतंकी हमले के बाद इस सेशन में गर्मागर्म बहस की संभावना बढ गई है। इस सेशन में मशहूर युद्ध संवाददाता क्रिस्टिना लैम्ब, डेक्सटर फिलकिंगस, डॉन मैक्कुलीन, डेविड ग्रॉसमैन, समंथ सुब्रह्मïण्यम, अब इतिहासकार यूजीन रोगन, मार्गरेट मैकमिलन, रोनाल्ड सनी, आत्मकथा-संरस्मरण लेखक एंथनी सेटिन और ब्रिटिश प्रस्तोता फ्राई सहित अन्य प्रख्यात शख्सियतें हिस्सा लेंगी।