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तेजी से बदल रहा भारत : अरुण जेटली

जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के दौर में विद्यार्थियों के लिए क्षेत्र में दक्षता, श्रेष्ठता, योग्यता और कामयाबी के मूलमंत्र है। पढ़ाई में 80 और 90 प्रतिशत अंक मीलों पीछे छूट चुके है। अब सौ प्रतिशत और उसके आगे श्रेष्ठता आंकी जाने लगी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2015 05:12 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2015 05:20 AM (IST)
तेजी से बदल रहा भारत : अरुण जेटली

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के दौर में विद्यार्थियों के लिए क्षेत्र में दक्षता, श्रेष्ठता, योग्यता और कामयाबी के मूलमंत्र है। पढ़ाई में 80 और 90 प्रतिशत अंक मीलों पीछे छूट चुके है। अब सौ प्रतिशत और उसके आगे श्रेष्ठता आंकी जाने लगी है। प्रत्येक क्षेत्र में ऑलराउंडर बने बगैर सफलता नहीं मिल सकती। यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को अजमेर में मेयो कॉलेज गल्र्स स्कूल के वार्षिकोत्सव में कही। जेटली ने कहा कि पूरी दुनिया की निगाहें भारत की तरफ है।

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दूसरे देश भारत के श्रेष्ठतम युवाओं, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और प्रबंधकों के बूते विकास की धुरी बने हुए है। विद्यार्थियों के लिए क्रूर प्रतिस्पर्धात्मक दौर में टिके रहना आसान नहीं है। बीस-तीस वर्ष पहले शिक्षा का पर्याय किताबें और शिक्षक होते थे। इंटरनेट-मोबाइल के दौर में विद्यार्थियों को करोड़ों लोगों से मुकाबला करना पड़ रहा है।

दुनिया में ज्ञान, विज्ञान, आर्थिक व्यवस्था तेजी से बदल रही है। हम वैश्विक ज्ञान, श्रेष्ठतम प्रदर्शन और बौद्धिक सम्पदा से ही टिके रह सकते है। पिछले कुछ वर्षों से सिविल सेवा के नतीजे चौंकाने वाले हैं। देश के छोटे-छोटे शहरों, कस्बों से टॉपर्स निकलना अच्छा संकेत है। हमें संस्कारों, ज्ञानार्जन और श्रेष्ठतम प्रदर्शन को जारी रखने की जरूरत है। इस मौके पर जेटली के साथ राज्यसभा सदस्य धमेन्द्र प्रधान भी थे।

जेटली ने कहा कि भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में 30 वर्ष से पहले नौजवान विभिन्न क्षेत्रों में कामयाब हो रहे है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, सिलिकॉन वैली से लेकर टॉप कम्पनियों में युवाओं का बोलबाला है। वर्ष 1991-92 में आर्थिक सुधारों के वक्त भारत की समूची अर्थव्यवस्था 10-20 घरानों के इर्द-गिर्द घूमती थी। कई युवाओं ने मेहनत और श्रेष्ठता साबित कर यह मिथक तोड़ दिया है। देश के प्रमुख बैंकों और वित्त संगठनों में महिलाएं अहम जिम्मेदारी संभाल रही है। यह सशक्त भारत का परिचायक है। भारत तेजी से बदल रहा है,प्रत्येक क्षेत्र में हो रहे विकास से साफ लगता है कि आगामी दिनों में ओर प्रगति होगी।


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