जयपुर में मंदिर शिफ्टिंग मामले में संघ पर भी उठ रहे सवाल
जयपुर में मंदिर शिफ्टिंग मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भले ही भाजपा विधायकों को तलब कर नाराजगी जताई हो, लेकिन इस मामले में चुप्पी को लेकर संघ की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
जयपुर [ब्यूरो]। जयपुर में मंदिर शिफ्टिंग मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भले ही भाजपा विधायकों को तलब कर नाराजगी जताई हो, लेकिन इस मामले में चुप्पी को लेकर संघ की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
जयपुर में मेट्रो रूट और यातायात को सुगम बनाने के लिए पिछले डेढ़ साल से मंदिर शिफ्टिंग का काम चल रहा था और इन मंदिरों के महंत इसका विरोध भी कर रहे थे, लेकिन इस दौरान संघ परिवार की तरफ से किसी तरह का विरोध सामने नहीं आया। संघ परिवार इस मामले में कुछ दिन पहले ही सक्रिय हुआ है। कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बना रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि यह सब संघ और भाजपा की मिलीभगत है। अब तक ये सब चुप थे और मंदिर टूटते रहे। अब जब जनता की नाराजगी खुलकर सामने आ रही है तो चक्काजाम किए जाने की बात कही जा रही है।
कांग्रेस ऐसा करती तो दंगे हो जाते
गहलोत ने कहा कि कांग्रेस शासन में यह कार्रवाई एक भी मंदिर के खिलाफ हो जाती तो दंगे हो जाते, जबकि भाजपा शासन में इतने मंदिर हटा दिए गए कोई कुछ नहीं बोला। इससे साफ जाहिर है कि सब कुछ मिलीभगत से चल रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि मंदिरों की सही तरीके से प्राण प्रतिष्ठा कराए।