बारिश ने तोड़ी किसान की कमर, 22 की मौत, फसलों को भारी नुकसान
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान में पिछले दो दिन से जारी बेमौसम बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुं
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान में पिछले दो दिन से जारी बेमौसम बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश के कारण खेत में पड़ी फसल झुक गई है और ओले गिरने से पकी हुई खराब हो रही है। साथ ही मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी वर्षा की आशंका जताई है, जिससे फसल को और नुकसान पहुंचने की संभावना है। प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से अलग-अलग हादसों में 17 लोगों की मौत हो गई। जबकि वर्षा जनित हादसों में 5 लोगों की मौत हो गई। तेज ओलों के कारण कई घर गिर गए। बारिश और आलोवृष्टि से गेहूं, चना, सरसों, जौ, जीरे, ईसबगोल, मेथी, लहसुन की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। फसल खराबे पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चिंता जताई है।
उन्होंने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे तुरंत सर्वे कराएं और रिपोर्ट सरकार को भेजें। इसके आधार पर किसानों को राहत देंगे। कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी ने बताया कि इस माह में ही किसानों को मुआवजा दे दिया जाएगा।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भारी बारिश से किसानों को हुए नुकसान पर चिंता जताते हुए सरकार से शीघ्र राहत पैकेज घोषित करने की मांग की है।
सरसों के प्रमुख उत्पादक जिले भरतपुर के किसानों का कहना है कि सरसों की फसल पूरी तरह पक कर कटाई के लिए तैयार थी, अगले हफ्ते से कटाई का काम शुरू होना था। लेकिन बारिश ने सब कुछ बिगाड़ दिया है। भरतपुर डिवीजन में 4900 हैक्टेयर की फसल बर्बाद हुई है। उधर अलवर के किसानों का कहना है कि यहां पर 25 फीसदी सरसों की फसल खराब हो चुकी है। सरसों के उत्पादन घटने से देश में खाद्य तेलों का आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा सकता है।
ऑयल इंडस्ट्रीज का कहना है कि 2015 में तेल आयात 130 लाख अन होने की संभावना है, जो 2014 में 116 लाख टन था। भारत में 190 लाख टन खाद्य तेलों की खपत होती है। इसे पूरा करने के लिए 60 फीसदी तेल हम आयात करते है। देश में सरसों की पैदावार घटती है, तो निश्चित रूप से इस साल खाद्य के दाम तेज रहेंगे।
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक बीएन विश्नोई का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमीयुक्त हवाएं व पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश और ओले गिर रहे है।