स्वाइन फ्लू से मौतों में राजस्थान सबसे आगे, दूसरे पर गुजरात
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। स्वाइन फ्लू से मौतों के मामले में राजस्थान देश में सबसे आगे है। दूसरे नम्बर
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। स्वाइन फ्लू से मौतों के मामले में राजस्थान देश में सबसे आगे है। दूसरे नम्बर पर गुजरात है। राजस्थान में अब तक स्वाइन फ्लू के 160 मामले सामने आए इनमें से 38 की मौत हुई। वहीं गुजरात में 170 मामले सामने आए इनमें से 22 मरीजों की मौत हुई। हालांकि स्वाइन फ्लू के सबसे अधिक 509 मामले तेलंगाना में सामने आए, लेकिन यहां समय पर मरीजों का इलाज होने से मृतकों की संख्या 21 रही। दिल्ली में 361 मामले सामने आए इनमें से पांच मरीजों की मौत हुई। आंध्र प्रदेश में दो, हरियाणा में अब तक सात मौतें हो चुकी है।
राजस्थान में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। देश में अब तक सबसे ज्यादा 30 दिन में 38 मौतें प्रदेश में हुई है। यह आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि स्वाइन फ्लू से लोगों को बचाने के लिए सरकारी इंतजाम हमारे यहां कितने नाकाफी हैं। बाजारों में वैक्सीन नहीं है। अस्पतालों में जांच किट से लेकर आइसोलेशन वार्ड भी अभी तैयार नहीं हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के विशेषज्ञों के मुताबिक स्वाइन फ्लू से पीडि़त मरीजों के परिजनों को भी हाई रिस्क श्रेणी में रखा जाना चाहिए, साथ ही उन्हें भी वैक्सीन दी जानी चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजी, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दो बार मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए, लेकिन जिला स्तर के एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में इलाज के माकूल इंतजाम नहीं हो सके। राजस्थान में पिछले साल 12 माह में जितनी मौतें हुई उससे ज्यादा इस बार एक माह में हो गई। राज्य में वर्ष 2014 में स्वाइन फ्लू से 34 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन इस साल जनवरी माह में ही यह आंकड़ा 38 तक पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि 2009 में अब स्वाइन फ्लू को पेंडेमिक घोषित किया गया था उस वक्त उसका स्ट्रेन एच1एन1 था। जिसने दुनियाभर में हजारों लोगों की जान ली। इससे पहली मौत मैक्सिको में हुई थी। भारत में अब तक हजार से मौतें हो चुकी है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. बीआर मीणा ने बताया कि हमारे पास 2.90 लाख टेमी फ्लू टेबलेट हैं। इन्हें विभिन्न अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इसके अलावा 10 लाख और दवाओं का ऑर्डर दिया गया है। ये दवाएं कुछ ही दिन में आए जाएंगी और प्रदेश के सभी अस्पतालों से लेकर डिस्पेंसरियों तक वितरित करा दी जाएंगी।