51 देश जयपुर में ग्लोबल पार्टनरशिप पर कर रहे मंथन
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान में करीब तीन लाख करोड़ रूपए के औद्योगिक निवेश को आमंत्रित करने क
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। राजस्थान में करीब तीन लाख करोड़ रूपए के औद्योगिक निवेश को आमंत्रित करने की पहली कड़ी के रूप में भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से गुरुवार से तीन दिवसीय पार्टनरशिप समिट शुरू हुई। इसमें आधा दर्जन देशों के प्रधानमंत्री, मंत्रियों सहित 51 देशों के एक हजार प्रतिनिधि शामिल हो रहे है।
समिट का उद्घाटन केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने किया। इस मौके पर मेकोडोनिया के प्रधानमंत्री निकोला गुरवेस्की, केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौजूद थी। शिखर सम्मेलन में विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक, एशियन विकास बैंक के उपाध्यक्ष, अमरीका के अन्तर्राष्ट्रीय मामलों के सलाहकार, यूनाइअेड नेशन्स इण्डस्ट्रियल डवलपमेंट (यूनिडो) के महानिदेशक, अमरीका की शिकागो काउंसिल के अन्तर्राष्ट्रीय मामला अध्यक्ष, चीन के वाणिज्य मंत्री, कमर के सुल्तान, ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और निवेश मंत्री, फिजी के वित्ता मंत्री, ईराक के उप व्यापार मंत्री, भारत-ब्रिटेन बिजनेस काउंसिल के अध्यक्ष, मलेशिया के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार और उद्योग मंत्री, मेकडोनिया (ग्रीस) के प्रत्यक्ष विदेश निवेश मंत्री, कुवेत के उद्योग और वाणिज्य मंत्री, अंगोला के अर्थव्यवस्था मंत्री, वाणिज्य मंत्री और उद्योग मंत्री बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री, अफगानिस्तान के राजदूत, कम्बोडिया के वाणिज्य मंत्री, माल्टा के अर्थव्यवस्था, निवेश एवं लघु उद्योग मंत्री, नेपालीज चैम्बर्स के पूर्व अध्यक्ष और सार्क चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदि के अलावा एग्जिम बैंक के सीएमडी यदुवेन्द्र माथुर, टाटा स्टील के एमडी टी.वी. नरेन्द्रन, टाटा उद्योग के ईडी केआरएस जमवाल, टाटा कैमिकल्स के एमडी आर. मुकुन्दन, वॉलमार्ट इण्डिया के अध्यक्ष और सीईओ क्रिश अय्यर, हीरो समूह के सुनील कांत मुंजाल, वोडाफोन के निदेशक पी. बालाजी, अपोलो हॉस्पिटल की कार्यकारी उपाध्यक्ष शोबाना कामिनानी, बिड़ला ग्रुप के सी.के. बिड़ला शामिल हो रहे है। अगले दो दिन में समिट में विभिन्न विषयों के एक दर्जन सत्र होंगे।
आंध्र प्रदेश में तीन बार हो चुका है आयोजन
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने निवेश की राह बनाने के लिए अपने राज्य में पार्टनरशिप समिट का आयोजन तीन बार यानी 2003, 2004 और 2012 में कराया है। आंध्र में आईटी सेक्टर के बड़े पैमाने पर विकास के बाद हैदराबाद को साइबराबाद तक कहा जाने लगा। आंध्र के विभाजन के बाद नए सिरे से निवेश जुटाने के लिए उन्हें चौथी बार इस समिट को अपने राज्य ले जाने के भरसक प्रयास किए लेकिन इस बार राजे सरकार के नेतृत्व में राजस्थान बाजी मार ले गया।