सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली आसाराम को राहत
जयपुर, जोधपुर। नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोप में सवा साल से जोधपुर जेल में बन्द आसाराम को जमानत
जयपुर, जोधपुर। नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोप में सवा साल से जोधपुर जेल में बन्द आसाराम को जमानत मिलने की उम्मीद पर उच्चतम न्यायालय से जोरदार झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय में आसाराम का स्वास्थ्य परीक्षण कर दिल्ली स्थित एम्स की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं है। इस कारण उन्हें किसी प्रकार के ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं है। इस पर उच्चतम न्यायालय ने आसाराम के वकील से इस मामले में दो सप्ताह में जवाब मांगा है। दूसरी तरफ जोधपुर में न्यायालय परिसर में आज बड़ी संख्या में एकत्र आसाराम के समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को वहां से खदेड़ दिया।
समर्थकों पर लाठी चार्ज
पूनम होने के कारण सोमवार को जोधपुर में आसाराम के समर्थक बड़ी संख्या में एकत्र हो गए। ये लोग पूनम के दिन आसाराम का चेहरा देख भोजन करते है। ऐसे में आज आसाराम की झलक देखने बड़ी संख्या में आसाराम के समर्थक जोधपुर पहुंच गए। पुलिस को इनके एकत्र होने की जानकारी पहले से थी। इस पर पुलिस आज आसाराम को रास्ता बदल कर जेल से न्यायालय लेकर गई। इससे समर्थक नाराज हो गए। आसाराम को लेकर न्यायालय से पुलिस का वाहन दोपहर तीन बजे जैसे ही जैसे ही बाहर निकला उनके समर्थक इसके आगे आ गए और उस पर चढ़ कर हंगामा मचाने लगे। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इस कारण न्यायालय परिसर के बाहर एकबार अफरातफरी मच गई। वहां खड़े शहर के लोग भी इधर-उधर भागने लगे। समर्थकों को खदेड़ कर पुलिस आसाराम के वाहन को तेजी से जेल लेकर चली गई। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद समर्थक वहां से भाग गए। पुलिस ने हंगामा मचाने के आरोप में फिलहाल किसी समर्थक को गिरफ्तार नहीं किया है।
कोर्ट में खोली गई एम्स की रिपोर्ट
एम्स की ओर से उच्चतम न्यायालय में पेश आसाराम की स्वास्थ्य रिपोर्ट को सोमवार को खोला गया। इसमें साफ कहा गया कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं है। कुछ मामूली बीमारी है जिनका इलाज जेल में रहते हुए दवा के माध्यम से हो सकता है। आसाराम की पूरी स्वास्थ्य रिपोर्ट पढ़ने के बाद न्यायालय ने आसाराम के वकील को इस रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन कर दो सप्ताह में अपना जवाब पेश करने को कहा है। जोधपुर जेल में बन्द आसाराम ने उच्चतम न्यायालय में अपने कमजोर स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने एम्स प्रशासन को आसाराम का स्वास्थ्य परीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इस पर एम्स प्रशासन ने आसाराम का स्वास्थ्य परीक्षण करने को डॉ. शशांक शंकर काले के नेतृत्व में सात सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। आसाराम को जोधपुर जेल से ले जाकर पांच दिन पूर्व उनकी जांच कराई गई थी।
इससे पूर्व जोधपुर मेडिकल कॉलेज की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड में अपनी जांच में आसाराम को गामा सर्जरी की आवश्यकता बताई थी। इसी को आधार बना आसाराम ने जमानत देने की गुहार लगाई थी। अब कोई गंभीर बीमारी नहीं होने के कारण यह स्पष्ट हो गया कि उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर के निकट स्थित मणाई के आश्रम में अपने गुरुकुल का एक नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोप में एक सितम्बर 2013 से आसाराम जोधपुर जेल में बन्द है। इस दौरान विभिन्न न्यायालयों में उनकी ओर से दायर जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी है।