महापौर, सभापति पदों पर भी भाजपा का कब्जा
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। पहले विधानसभा, फिर लोकसभा और अब स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र। पहले विधानसभा, फिर लोकसभा और अब स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को करारी मात दी है। जयपुर सहित राज्य के छह नगर निगमों में भाजपा के महापौर आज निर्वाचित हुए।
वहीं 30 नगर परिषद एवं नगरपालिकाओं में भाजपा के सभापति चुने गए। जयपुर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर नगर निगम में भाजपा के महापौर सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए। कांग्रेस ने तीनों ही स्थानों पर अपने प्रत्याशी खड़े नहीं किए थे। भरतपुर नगर निगम में निर्दलीय पार्षदों के समर्थन से भाजपा महापौर बनाने में कामयाब हो पाई। यहां कांग्रेस ने महापौर पद के लिए प्रत्याशी खड़ा किया था लेकिन पार्टी के पास बहुमत नहीं होने और निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा भाजपा का साथ दिए जाने के कारण कांग्रेस यहां भी पिछड़ गई।
महापौर पद के लिए सभी नाम मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की इच्छा के अनुरूप ही तय किए गए। बीकानेर में कांग्रेस एवं भाजपा पार्षदों के बीच महापौर चुनाव के समय कुछ तकरार हुई। लेकिन बाद में समझाइश के बाद मामला शांत हो गया। ब्यावर नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस पार्षदों ने भाजपा विधायक पर एक पार्षद का अपहरण करने का आरोप लगाया। भाजपा के कुछ नेता भी विधायक पर मनमानी का आरोप लगा रहे थे, लेकिन प्रदेश नेतृत्व के गठन के बाद मामला शांत हो गया। टोंक में भी सभापति पद के चुनाव के समय कांग्रेस एवं भाजपा के बीच तकरार हुई।
गौरतलब है कि 22 नवंबर को छह नगर निगम 18 नगर परिषद एवं 22 नगर पालिकाओं के लिए वोट डाले गए थे। कुल 1696 वार्डो में चुनाव हुए इनमें से भाजपा ने 930, कांग्रेस ने 444 एवं निर्दलीय ने 319 वार्डो में जीत हासिल की थी। पार्षद का चुनाव परिणाम मंगलवार को आया और आज महापौर एवं सभापति चुने गए। करीब दो माह पूर्व चार विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा की हुई हार और कांग्रेस को मिली जीत से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमा परेशान था। अब स्थानीय निकाय चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिलने के बाद वसुंधरा खेमे में खुशी का माहौल है।