सरकारी नौकरी छोड़ने वाले चिकित्सक को चुकाने होंगे 15 लाख
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान में सरकारी चिकित्सक बनने के बाद यदि दो वर्ष के भीतर नौकरी छोड़ी तो
जयपुर [नरेन्द्र शर्मा]। राजस्थान में सरकारी चिकित्सक बनने के बाद यदि दो वर्ष के भीतर नौकरी छोड़ी तो उसे 15 लाख रुपए चुकाने पड़ेंगे।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों से चिकित्सकों की कमी और चिकित्सकों के सरकारी सेवा छोड़कर निजी क्षेत्र में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए सरकार यह निर्णय कर रही है। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने डॉक्टरों की सीधी भर्ती में पीजी चिकित्सकों के लिए 15 लाख रुपए का बॉण्ड भरने की शर्त रखी है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी देखते हुए सरकार ने अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक रोकने के लिए यह शर्त रखी है। वहीं एमबीबीएस चिकित्सकों से 5 लाख रुपए का बॉण्ड भरवाने के साथ ही कम से कम दो वर्ष सरकार अस्पतालों में नौकरी करने का शपथ पत्र भी भरवाया जाएगा। वैसे प्रदेश में डॉक्टरों के तीन हजार से अधिक पद खाली है। आरयूएचएस की ओर से 810 पदों के लिए सीधी भर्ती निकाली गई है। इनमें 730 पद चिकित्सा अधिकारी (मेडिकल) और 80 पद चिकित्सा अधिकारी (दंत) के लिए है। इसकी परीक्षा 5 नवंबर को होगी और आवेदन सोमवार से मांगे गए है।
जानकारी के मुताबिक चिकित्सा अधिकारी (मेडिकल) चाहे एमबीबीएस हो या पीजी डिग्रीधारी, उसके लिए वेतनमान 30 हजार रुपए प्रतिमाह तय किया गया है। वहीं एक पद और समान वेतन के बावजूद एमबीबीएस और पीजी डिग्रीधारी के लिए बॉण्ड की राशि अलग-अलग रखी गई है।